Bastar Dharmsabha:राष्ट्रीय स्वयंसेवक के प्रमुख मोहन भागवत की ओर से पंडितों पर दिए गए बयान को लेकर पूरे देश में बवाल मचा है. आरएसएस प्रमुख के इस बयान पर बस्तर पहुंचे गोवर्धन मठ के पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती स्वामी ने बयान देते हुए कहा है ''मोहन भागवत को शास्त्र का ज्ञान नहीं है, और न ही कोई जानकारी है.''


शास्त्रों में बनायी गयी है वर्ण व्यवस्था
शंकराचार्य ने कहा कि हिंदू के पास तो रामायण और महाभारत है. ईसाई के पास बाइबल है. मुस्लिम के पास कुरान है. उन्होंने कहा कि आरएसएस की लाचारी है कि इनके पास कोई ग्रंथ ही नहीं है. ज्ञान की कमी होने की वजह से ऐसी बातें करते हैं. शंकराचार्य ने कहा कि ग्रंथों में वर्ण व्यवस्था कार्य और व्यवस्था के हिसाब से बनाई गई थी. इसके तहत ब्राह्मणों का काम ज्ञान बांटना और ज्ञान देना है. क्षत्रियों को कार्य समाज की रक्षा करना है. वैश्यों का काम व्यापार संभालना है. 


मोहन भागवत के पास ज्ञान नहीं
उन्होंने कहा कि शास्त्र का ज्ञान इंसान को अपने माता-पिता से मिलता है. उन्होंने कहा कि क्या क्या मोहन भागवत के माता-पिता सनातनी नहीं थे, जो वे पंडितों पर ऐसी बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मोहन भागवत सालों भर कुछ न कुछ बयान देते रहते हैं. सही बात तो यह है कि उन्हें कोई ज्ञान ही नहीं है.


नक्सलवाद पर भी बोले शंकराचार्य 
इस दौरान बस्तर में नक्सलवाद की समस्या के हल को लेकर पूछे गए सवाल पर शंकराचार्य ने कहा कि इससे पहले भी मैने कहा है कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद सत्तारूढ़ दल और विपक्ष के पाले हुए हैं. सत्तारूढ़ और विपक्ष अगर अपना हाथ खींच ले तो नक्सल समस्या का हल ऐसे ही हो जाएगा. उन्होंन कहा कि इसके बाद जो बचा हुआ नक्सलवाद होगा तो उसे मैं खत्म कर दूंगा. इसके साथ ही उन्होंने बस्तर के आदिवासियों को हिंदू बताया है. उन्होंने कहा कि आदिकाल से वनवासी हिंदू ही हैं. ऐसे में यह कहना गलत है कि वह हिंदू नहीं हैं.


यह भी पढ़ें:


Bastar News: बस्तर के हजारों किसान नहीं बेच पाए अपना धान, बिचौलियों पर लगाया ये बड़ा आरोप