Bastar News: छत्तीसगढ़ के बस्तर (Bastar) संभाग में भी 1 नवंबर से पुराने समर्थन मूल्य पर किसानों से धान की खरीद शुरू हो गई है. इसके लिए स्थानीय प्रशासन और सहकारी केंद्रीय बैंक ने तैयारियां पूरी कर ली हैं. संभाग के 7 जिल में धान खरीदी (Paddy Procurement) में गड़बड़ी रोकने के लिए 250 से ज्यादा नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई है. साथ ही बस्तर संभाग के सभी सीमावर्ती इलाक़ो में बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है.


हर साल ओडिशा, तेलंगाना और महाराष्ट्र के बॉर्डर से बड़ी मात्रा में दूसरे राज्यों का धान  छत्तीसगढ़ के धान खरीदी केंद्रों में खपाया जाता है और जिससे किसानों के साथ-साथ सरकार को भी लाखों रुपए का नुकसान होता है, जिसे देखते हुए पहले से ही जिला प्रशासन के साथ-साथ पुलिस प्रशासन को भी मुस्तैद कर दिया गया है, साथ ही जिला पुलिस बल के अलावा धान खरीदी केंद्रों में धांधली रोकने के लिए स्पेशल पुलिस बल भी तैनात किए गए हैं. धान खरीदी केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं, जिससे 24 घंटे इन केंद्रों में नजर रखी जा सके.


बायोमेट्रिक से होगी धान की खरीद
छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों के साथ बस्तर संभाग में भी धान खरीदी केंद्रों में बायोमेट्रिक के जरिए धान खरीदी की जानी है, लेकिन संभाग के कुछ ही जिलों में बायोमेट्रिक से धान खरीदी हो रही है, जबकि अभी भी कई केंद्रों में यह व्यवस्था शुरू नहीं हो पाई है जिसके चलते किसानों से टोकन के आधार पर ही धान खरीदा जा रहा है. 


बस्तर आईजी ने सुरक्षा को लेकर दिया यह भरोसा
 बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि 7 जिलों के स्थानीय प्रशासन के साथ पुलिस भी सीमाई क्षेत्रों की निगरानी कर रही है, जिससे दूसरे राज्यों का धान बिचौलियों द्वार बस्तर के खरीदी केंद्रों में ना पहुंचें. बस्तर से लगे सीमावर्ती  राज्य से धान बस्तर ना पहुंचे इसके लिए सभी सीमावर्ती इलाके में नाकाबंदी कर वाहनों की जांच की जा रही  है.धान खरीदी केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए है और विषेश ऐप के माध्यम से धान खरीदी का अपडेट रखने की तैयारी की गई है.


बस्तर में 650 धान खरीद केंद्र
 बस्तर संभाग में 650 से ज्यादा केंद्रों में  धान की खरीद शुरू हो गई है. दरअसल छत्तीसगढ़ में धान का समर्थन मूल्य ज्यादा है जिसके चलते बिचौलिए ओडिशा से धान खरीद कर बस्तर के खरीदी केंद्रों में खपाने का प्रयास हर साल करते हैं. कई बार विभागीय अधिकारियों द्वारा कार्रवाई की जाती है वहीं ऐसे भी मामले सामने आए हैं जहां बिचौलिए धान खपाने में कामयाब हुए हैं. 


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