Chhattisgarh: बस्तर के रनिंग ट्रैक को वर्ल्ड एथलेटिक फैकल्टी से मिली मान्यता, अब हो सकेंगे इंटरनेशनल गेम्स
बस्तर खेल मैदान को वर्ल्ड एथलेटिक्स की तरफ से बेहतर सुविधाओं के आधार पर विशेष सर्टिफिकेट दिया गया है. ये बस्तर और छत्तीसगढ़ खेलों के इतिहास में एक बड़ी उपलब्धि के रुप में देखा जा रहा है.
Bastar: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बस्तर (Bastar) में खेल को बढ़ावा देने और आदिवासी युवाओं की खेल प्रतिभा को निखारने के लिए, करोड़ों रुपये खर्च कर खेल परिसर बनाया गया. बेहतर सुविधाओं के आधार पर इस खेल परिसर अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिली है. जिसके बाद बस्तर के इस एथलेटिक्स परिसर में राष्ट्रीय खेलों के साथ- साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेल भी हो सकेंगे. जानकारी के मुताबिक वर्ल्ड एथलेटिक फैकल्टी (World Athletic Faculty) के सीईओ जॉन राइडगन ने बस्तर में बनाई गई रनिंग ट्रेक की जांच की और इसे इंटरनेशनल मानकों के सभी स्तरों पर खरा पाया.
सीईओ जॉन राइडगन बस्तर जिला प्रशासन को सर्टिफिकेट प्रदान किया. जिसका बाद आगामी 5 सालों तक इस रनिंग ट्रेक एथलेटिक्स ग्राउंड में नेशनल और इंटरनेशनल खेलों के आयोजन किए जा सकेंगे. वर्ल्ड एथलेटिक्स फैकेल्टी दुनियाभर के रनिंग ट्रैक को सुवाधाओं के मानक स्तर के आधार पर अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेलों के लिए सर्टिफिकेट प्रदान करता है. हाल ही में वर्ल्ड एथलेटिक्स की टीम बस्तर प्रवास पर आयी हुई थी, जहां धरमपुरा स्थित क्रीड़ा परिसर के रनिंग ट्रैक की तकनीकी जांच की गई. टीम ने परिसर को अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स स्पर्धाओं के नियमों के तहत सही पाते हुए अगले 5 सालों तक के लिए खेलों के आयोजन की मंजूरी देते हुए बस्तर क्रीड़ा एवं युवा कल्याण विभाग को सर्टिफिकेट दिया गया है.
बस्तर क्रीडा परिसर इन सुविधाओं से है लैस
इस सर्टिफिकेट के बाद जगदलपुर शहर के धरमपुरा स्थित क्रीड़ा परिसर में स्टेट, नेशनल और अब इंटरनेशनल एथलेटिक्स का आयोजन किया जा सकेगा. ये बस्तर के लिए काफी बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है. क्रीड़ा परिसर में 2 रनिंग ट्रैक बनाया गया हैं जिसमें 400 मीटर एथलेटिक्स रनिंग ट्रैक और दूसरा 200 मीटर एथलेटिक्स रनिंग ट्रैक है. जिसमें से एक रनिंग ट्रैक यहां होने वाले खेल आयोजन के लिए और दूसरा खिलाड़ियों के प्रशिक्षण के लिए बनाया गया है. जानकारी के मुताबिक खेल प्रेमियों और बस्तर के खिलाड़ियों के लिए सर्व सुविधा युक्त खेल परिसर की मांग लंबे समय से की जा रही थी.
यहां पर राज्य सरकार की मदद से जिला प्रशासन ने दो खेल परिसर के लिए लगभग 70 करोड़ रुपये खर्च करके सिंथेटिक रनिंग ट्रैक, इंटरनेशनल फीफा फुटबॉल ग्राउंड, 400 मीटर एथलेटिक्स रनिंग ट्रैक का निर्माण कराया गया. इसके अलावा बैडमिंटन हॉल का दोबारा निर्माण कराया गया, साथ में जिम हॉल, टेबल टेनिस, हैंडबॉल ग्राउंड, फ्लड लाइट, फ्लडलाइट टर्फ युक्त दो टेनिस कोर्ट, बास्केटबॉल, वॉलीबॉल मैदान भी बनाया गया है.
बैडमिंटन हॉल में चार कोर्ट, क्रिकेट के लिए प्रैक्टिस पिच, योगा और अन्य खेलों के लिए मैदान, कबड्डी, कुश्ती, बॉक्सिंग की सुविधा और 100 सीटर स्पोर्ट्स हॉस्टल का निर्माण कार्य वर्तमान में किया जा रहा है. क्रीड़ा एवं युवा कल्याण विभाग के अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे ने बताया कि वर्ल्ड एथलेटिक्स फैकेल्टी के द्वारा इंटरनेशनल एथेलेटिक्स गेम्स के लिए सर्टिफिकेट मिलना बस्तर के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. क्रीड़ा परिसर रनिंग ट्रैक, नेशनल और इंटरनेशनल लेवल के एथलेटिक्स प्रतियोगिताओं के लिए तैयार है, इसका फायदा जरूर बस्तर के युवा एथलेटिक्स को मिलेगा.
आदिवासी युवाओ में है भरपूर स्टेमिना- कोच
खिलाड़ियों के कोच का कहना है कि बस्तर के आदिवासी युवाओं में स्टेमिना की कमी नहीं है. वे सही ग्राउंड और संसाधन नहीं होने की वजह से खेलों में पिछड़ जाते हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेलों में भाग नहीं ले पाते हैं. लेकिन प्रशासन ने अंतरराष्ट्रीय स्तर के फुटबॉल ग्राउंड के साथ ही सिंथेटिक ट्रैक, रनिंग ट्रैक और सर्व सुविधायुक्त खेल परिसर का निर्माण किया है, इससे निश्चित तौर पर बस्तर के युवा खिलाड़ी यहां प्रैक्टिस कर अपनी प्रतिभा और स्टेमिना से आने वाले समय में अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेलों और ओलंपिक गेम्स में भाग ले सकेंगे.
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