Bastar Naxalite Area: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर जिले के कई गांव विकास से अछूते हैं. इन अंदरूनी क्षेत्रों के ग्रामीण अंचल में आज भी ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. इन गांवों में बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य की समस्या लंबे समय से बनी हुई है. नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने की वजह से ग्रामीण अंचलों में प्रशासनिक अधिकारी भी जाने से कतराते हैं, जिससे ग्रामीणों को अपनी समस्याओं को लेकर आय दिन दो चार होना पड़ता है. ऐसे में बस्तर कलेक्टर रजत बंसल ने इन नक्सल प्रभावित ग्रामीण क्षेत्र में ग्रामीण किन समस्याओं से जूझ रहे हैं और उन्हें किस तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है ये जानने की कोशिश की.


यह जानने के लिए बस्तर कलेक्टर घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र बास्तानार ब्लॉक के मुतनपाल गांव पहुंचे. गुरुवार देर शाम गांव पहुंचे कलेक्टर ने यहां रात में ही ग्रामीणों की सभी तरह की समस्याएं सुनने के बाद एक ग्रामीण के घर में रात गुजारी और डिनर में बस्तर के पारंपरिक व्यंजन का स्वाद लिया. बस्तर कलेक्टर रजत बंसल को अपने बीच पाकर ग्रामीण भी काफी खुश दिखे. देर रात तक कलेक्टर ने ग्रामीणों की जन चौपाल लगाई और उनकी समस्या सुन कुछ लोगों की समस्या का त्वरित निराकरण भी किया. कलेक्टर के साथ जिला पंचायत के सीईओ रोहित व्यास और प्रशासनिक अमला भी पहुंचा.




ग्रामीणों के बीच रात में लगाई जनचौपाल 


दरअसल मुतनपाल के ग्रामीणों ने कुछ महीने पहले उनके गांव में समस्याओं को लेकर जगदलपुर शहर पहुंच समस्या के समाधान के लिए गुहार लगाई थी. इस दौरान ग्रामवासियों ने उनके गांव की काफी सारी समस्या बताई. जिसके बाद गुरुवार शाम बस्तर कलेक्टर रजत बंसल और जिला पंचायत के सीईओ रोहित व्यास नक्सल प्रभावित गांव मुतनपाल पहुंच गए. यहां उन्होंने देर रात तक ग्रामीणों से बातचीत की और उनकी समस्या जाना और सभी समस्याओं के निराकरण के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए.


कलेक्टर ने बताया कि उन्होंने इससे पहले भी घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र दरभा के कोलेंग, तिरिया, मादरकोंटा गांव का दौरा कर वहां रात्रि विश्राम किया था. इस दौरान ग्रामीणों ने काफी सारी शिकायत बताई जिनका समाधान भी किया गया. उन्होंने कहा कि ग्रामीण अंचलों तक प्रशासन के अधिकारी पहुंचे इसलिए उन्होंने ऐसे क्षेत्र में सीधे ग्रामीणों तक पहुंच उनकी समस्या सुनी. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों ने गांव से संबंधित और शासकीय योजनाओं से संबंधित काफी कुछ शिकायत आवेदन के माध्यम से की है. जिस पर प्रशासन के अधिकारियों को इसके जल्द से जल्द निराकरण के लिए कहा गया है.




बस्तर के पारंपरिक व्यंजन का लिया स्वाद


इधर बस्तर कलेक्टर के लिए गांव में उनके रात्रि भोजन के लिए बस्तर के पारंपरिक व्यंजन परोसे गए. जिसमें कोदो की चावल, केले की सब्जी, मुनगा भाजी,,प्याज भाजी, सुखी मशरूम और चापड़ा की चटनी परोसी गयी. जिसके बाद गांव के ही एक ग्रामीण के घर में बस्तर कलेक्टर ने रात्रि विश्राम किया और शुक्रवार सुबह नूतन पाल में जन समस्या निवारण शिविर लगाया. उन्होंने आसपास के गांव के ग्रामीणों की भी समस्याएं सुनी और उनकी समस्याओं का निराकरण भी किया.


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