Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र बस्तर के एक आदिवासी छात्र का चयन मेडिकल कॉलेज महासमुंद में हो गया है. ग्रामीण क्षेत्र के आदिवासी छात्र का चयन मेडिकल कॉलेज में होने से बस्तर कलेक्टर समेत सभी शिक्षकों में उत्साह देखने को मिल रहा है. इसके साथ ही बस्तर के सभी अधिकारियों के साथ सभी छात्र-छात्राएं उन्हें भविष्य की शुभकामनाएं दे रहे हैं. 


दरअसल, बस्तर के आदिवासी छात्रों और आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए जगदलपुर शहर में 'युवोदय एकेडमी' के द्वारा एक कोचिंग सेंटर संचालित किया जा रहा है. यहां बच्चों को आईआईटी, नीट और जेई की कोचिंग नि:शुल्क दी जा रही है. यहां के छात्र एग्जाम में टॉप कर सरकारी मेडिकल कॉलेज में भी एडमिशन पा रहे हैं. बस्तर के चयनित आदिवासी छात्र मान सिंह मौर्य को भी धमतरी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिल गया है.


आर्थिक कमजोरी के कारण नहीं पढ़ पाते बच्चे
चयनित छात्र मानसिंह मौर्य ने बताया कि अंदरूनी क्षेत्र भैंसगांव से अपनी 12वीं तक कि पढ़ाई पूरी कर वह जगदलपुर पहुंचे और इस युवोदय अकादमी में प्रवेश लिया और ऑनलाइन कोचिंग शुरु कर दी. इसके बाद पढ़ाई करते हुए मानसिहं मौर्य ने मेडिकल कॉलेज की चयन परीक्षा के पहली ही काउंसलिंग में सफलता हासिल की. दरअसल, बस्तर एक आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र हैं और बस्तर में शिक्षा का अभाव है. यहां के आदिवासी वनोपज पर आश्रित रहते हैं. यही कारण है कि बस्तर के छात्र-छात्राएं आर्थिक स्थिति से कमजोर होने की वजह से उच्च स्तर की पढ़ाई नहीं कर पाते हैं. 


पहले ही प्रयास में मिली सफलता
यहां तक की 12वीं की पढ़ाई करने के बाद अधिकतर छात्रों ने अपनी पढ़ाई छोड़ दी है. ऐसे में छात्रों के भविष्य को देखते हुए जगदलपुर में संचालित युवोदय अकादमी कोचिंग सेंटर निर्धन छात्रों को चिकित्सा व इंजीनियरिंग संस्थानों में प्रवेश के सपनों को पूरा करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. एक किसान के बेटे मानसिंह मौर्य बस्तर जिले के सुविधा विहीन भैंसगांव का निवासी हैं. उन्होंने भैंसगांव से निकलकर 12वीं की परीक्षा भानपुरी से पास की है. इसके बाद छात्र ने युवोदय अकादमी में प्रवेश लेकर अपनी मेहनत से पहली काउंसलिंग में ही चयनित हुआ. वहीं अब उसे सरकारी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन दिया जा रहा है.




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