Bastar News: बस्तर की आदिवासी छात्रा ने रचा इतिहास, अंडर-17 में मार्शल आर्ट में जीता सिल्वर मेडल
बस्तर की आदिवासी छात्रा पलक नाग ने आबूधाबी में हुए मिक्स मार्शल आर्ट अंतरराष्ट्रीय चैम्पियनशिप में हिंदुस्तान के लिए सिल्वर मेडल जीत है. जिसके बाद बस्तर में खुशी का माहौल है.
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले की आदिवासी छात्रा ने इतिहास रच दिया है. छात्रा ने आबू धाबी में हुए मिक्स मार्शल आर्ट अंतरराष्ट्रीय चैम्पियनशिप में हिंदुस्तान के लिए सिल्वर मेडल जीता है. अंडर-17 में हिन्दुस्तान के लिए सिल्वर मेडल लाने वाली पलक नाग देश की पहली छात्रा बनी हैं. जिले के जगदलपुर शहर में रहने वाली पलक नाग ने फाइनल मैच में USA की खिलाड़ी से सामना किया.
हालांकि केवल 19 और 20 के अंतर के कारण वह गोल्ड मेडल लाने से चूक गई, लेकिन पलक नाग की इस जीत को लेकर बस्तर में और पूरे छत्तीसगढ़ में खुशी का माहौल है. दरअसल, अब तक मिक्स मार्शल आर्ट में अंतरराष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिता नहीं हुई. पहली बार हुए इस खेल प्रतियोगिता में बकायदा बस्तर की छात्रा ने न सिर्फ हिस्सा लिया, बल्कि फाइनल तक पहुंचकर सिल्वर मेडल जीता है.
नेशनल के लिए जीते कई गोल्ड मेडल
पलक नाग ने बताया कि मिक्स मार्शल आर्ट में करीब 6 साल से वह अभ्यास कर रही है और नेशनल में कई बार गोल्ड मेडल जीतकर छत्तीसगढ़ का नाम रोशन कर चुकी हैं. वहीं इस बार आबूधाबी में हुए इंटरनेशनल प्रतियोगिता में हिस्सा लेने का मौका मिला. जिसके लिए उसने एक महीने में 16 किलो वेट कम किया और इस खेल के लिए पूरी तरह से तैयार हो गईं. कुछ दिन पहले ही अबू धाबी में आयोजित हुई इस प्रतियोगिता में 70 किलोग्राम की कैटेगरी में उन्होंने देश का प्रतिनिधित्व करते हुए पहले साउथ अफ्रीका फिर रोमानिया के प्रतिनिधि को हराया, लेकिन फाइनल में USA के खिलाड़ी के हाथों वे पराजित हो गईं.
सरकार से किया अनुरोध
पलक ने कहा कि अगली बार वह जरूर गोल्ड जीतकर लौटेंगी. पलक नाग ने बताया कि बस्तर में एकेडमी नहीं होने की वजह से और संसाधनों की कमी की वजह से उन्हें रायपुर राजधानी और भिलाई में प्रैक्टिस करना पड़ा. अगर जिला प्रशासन और राज्य सरकार बस्तर में ही मार्शल आर्ट एकेडमी खोलती है तो यहां के छात्रों को काफी फायदा मिलेगा और वह भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाले मार्शल आर्ट और अन्य एथलीट प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर गोल्ड मेडल लाकर बस्तर और अपने देश का नाम रोशन कर सकेंगे.
संसाधनों की कमी से गोल्ड मेडल से पिछड़ी पलक
वहीं पलक नाग की कोच ममता पांडे, नितिन सिंह, और भगत सोनी ने बताया कि इस खेल में हिस्सा लेने के लिए पलक को आर्थिक तंगी से भी गुजरना पड़ा. पहली बार इंटरनेशनल स्तर पर हुए मिक्स मार्शल आर्ट चैंपियनशिप में पलक नाग को हिस्सा लेने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ी. हालांकि इस दौरान बस्तर में एनएमडीसी प्रबंधन और पलक नाग के परिजनों और खुद कोच और अन्य लोगों ने आर्थिक सहयोग कर पलक को इस इंटरनेशनल चैंपियनशिप में हिस्सा लेने के लिए पहुंचाया और जिसके कारण 40 देशों से 500 से अधिक एथलीटों के बीच पलक की हिस्सेदारी संभव हो सकी. कोच ममता पांडे ने बताया कि भारत से 10 बालिकाओं और 5 बालकों की टीम गई थी. छत्तीसगढ़ के हिस्से 2 मेडल आया है. पलक के अलावा भिलाई की प्रतिभागी को ब्रांज मेडल मिला है.