Chhattisgarh Congress: लोकसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ के बस्तर कांग्रेस कमेटी में घमासान मचा हुआ है. कुछ ही दिन पहले कांग्रेस की शहर महिला जिला अध्यक्ष सरला तिवारी ने इस्तीफा देकर बीजेपी ज्वाइन कर लिया था.


वहीं बुधवार को 2 कांग्रेसी महिला पार्षदों ने भी प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक को कांग्रेस पार्टी से अपना इस्तीफा सौंप दिया है. इन दोनों ही महिला पार्षदों ने कांग्रेस जिला शहर अध्यक्ष सुशील मौर्य पर उन्हें अपमानित करने और धमकी देने का आरोप लगाया है.


जिससे हताश होकर कांग्रेस पार्टी से अपना इस्तीफा देना बताया है. हालांकि दोनों महिला पार्षदों के इस्तीफा के बाद अब तक इन नाराज महिला पार्षदों को नहीं मनाया गया है. इधर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज इस विवाद को कांग्रेस के परिवार की बात कह रहे हैं, लेकिन दोनों ही महिला पार्षदों ने कांग्रेस जिला अध्यक्ष के खिलाफ खुलकर बयान दिया है और अब दोबारा कांग्रेस पार्टी ज्वाइन नहीं करने की बात कही है.


महिला पार्षदों ने जिलाध्यक्ष पर लगाया आरोप


महाराणा प्रताप वार्ड की पार्षद नेहा ध्रुव और सरदार वल्लभभाई पटेल के पास श्वेता बघेल ने कांग्रेस जिला शहर अध्यक्ष सुशील मौर्य पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. पार्षदों का कहना है कि बीते 6 महीने से कांग्रेस जिला अध्यक्ष की तरफ से उन्हें अपमानित किया जा रहा है. साथ ही उन्हें धमकी भी दी जा रही है. सुशील मौर्य की तरफ से उन्हें दोबारा पार्षद की टिकट नहीं देने की धमकी दी जा रही है और कांग्रेस के सिंबल की वजह से ही उन्हें निगम से तनख्वाह मिलने की बात कही जा रही है.


इसके अलावा पार्षदों ने यह भी आरोप लगाया है कि बीते 11 मार्च को निगम अध्यक्ष कविता साहू के खिलाफ बीजेपी के पार्षदों की तरफ से लाये गए अविश्वास प्रस्ताव के दिन भी उन पर भरोसा नहीं जताते हुए कांग्रेस जिला अध्यक्ष ने कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को उनके पीछे जासूसी के लिए लगाया और कई देर तक कांग्रेसी कार्यकर्ता दोनों पार्षदों का पीछा करते रहे. इस सवाल पर उल्टा जिला अध्यक्ष ने दोनों पार्षदों को फटकार लगा दी, जिसके चलते जिला अध्यक्ष के रवैये से पूरी तरह से हताश होकर दोनों पार्षदों ने अपना इस्तीफा छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष को सौंप देने की बात कही है


निगम अध्यक्ष पर भी लगाया आरोप


यही नहीं दोनों महिला कांग्रेसी पार्षदों ने कांग्रेस की निगम अध्यक्ष कविता साहू पर भी आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि 11 मार्च को अगर अविश्वास प्रस्ताव के दौरान वोटिंग की प्रक्रिया होती तो जरूर कई कांग्रेसी पार्षद निगम अध्यक्ष कविता साहू के खिलाफ क्रॉस वोट करती. पार्षदों का आरोप है कि कांग्रेस की निगम अध्यक्ष कविता साहू के काम से कोई भी कांग्रेसी पार्षद खुश नहीं है और क्रॉस वोटिंग के डर से ही सभी कांग्रेसी पार्षदों को कांग्रेस भवन में नजर बंद कर रखा गया था.


कांग्रेस जिला अध्यक्ष ने आरोपों को बताया निराधार


पार्षदों की तरफ से लगाए गए आरोपों पर कांग्रेस जिला अध्यक्ष सुशील मौर्य ने कहा कि यह सारे आरोप निराधार हैं. उन्हें पार्टी से निकालने जैसी कोई धमकी नहीं दी गई है और न ही उन्हें अपमानित किया गया है. हालांकि जरूर वे संगठन से नाराज हैं, लेकिन वह कांग्रेस परिवार के सदस्य हैं, जल्द ही उन्हें मना लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि दोनो कांग्रेसी पार्षदो के इस्तीफा को स्वीकार नहीं किया गया है.


पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज ने क्या कहा? 


इधर बुधवार (13 मार्च) को बस्तर पहुंचे प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज को इन दोनों ही महिला पार्षदों ने कांग्रेस भवन में अपना इस्तीफा सौंप दिया है, हालांकि महिला कांग्रेसी पार्षदों के इस्तीफा पर दीपक बैज का कहना है कि यह कांग्रेस पार्टी के परिवार की बात है. उनका इस्तीफा अभी स्वीकार नहीं किया गया है. उनसे बातचीत की जाएगी.


नए जिला शहर महिला अध्यक्ष को लेकर भी मचा है बवाल


इधर कांग्रेसी पार्षदों के इस्तीफा के बाद कांग्रेस जिला महिला शहर अध्यक्ष को लेकर भी बस्तर कांग्रेस कमेटी में बवाल मचा हुआ है. सप्ताह भर पहले ही कांग्रेस जिला महिला शहर अध्यक्ष सरला तिवारी ने पार्टी को अपना इस्तीफा सौंप दिया था और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष किरण देव के समक्ष बीजेपी में प्रवेश कर लिया था. उसके बाद से नई जिला अध्यक्ष लता निषाद के नाम को लेकर महिला कांग्रेसियों ने पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज के सामने अपनी आपत्ति जताई है.


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