Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बस्तर (Bastar) में डेंगू (Dengue) के कहर ने प्रदेश का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. जिले में 1200 लोग ड़ेंगू के चपेट में आए हैं, जबकि 2 महीने में ही 6 लोगों की जान डेंगू से चले गई है. हर रोज बस्तर में 30 से अधिक मरीजों के मिलने की पुष्टि हो रही है. सबसे ज्यादा शहरी क्षेत्रों में डेंगू ने कहर बरपा रखा है. पिछले महीने भर से निचली बस्तियों में दवा का छिड़काव और तमाम कोशिशों के बावजूद भी लगातार डेंगू का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है. इसके साथ ही डेंगू से मौत के भी आंकड़े बढ़ते ही जा रहे हैं.
लगातार बढ़ रहे डेंगू के मरीज
दरअसल, डेंगू के कई मरीजों में प्लेटलेट्स की कमी की वजह से उन्हें समय पर प्लेटलेट्स नहीं मिल पा रहा है. जिसकी वजह से उनकी हालत और बिगड़ती जा रही है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि डेंगू के प्रकोप को रोकने के लिए लगातार विभाग की टीम प्रयास कर रही है और डेंगू के लार्वा को खत्म करने के लिए नए पैंतरे भी प्रशासन के द्वारा अपनाए जा रहे हैं लेकिन हर दिन डेंगू के मरीज सामने आने से विभाग के लिए चिंता का विषय बना हुआ है.
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क्या कहा बस्तर कलेक्टर ने?
बस्तर कलेक्टर चंदन कुमार ने बताया कि डेंगू से निपटने प्रशासन गंभीर है और इसके रोकथाम के लिए लगातार प्रयास भी किए जा रहे हैं. इसके अलावा इस बीमारी के चपेट में आने वाले मरीजों को भी बेहतर इलाज देने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने बताया कि डेंगू को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है. लोगों का यह भी मानना है कि निजी अस्पताल में ज्यादा बेहतर इलाज हो सकेगा. साथ ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को सरकारी अस्पतालों में इलाज करवाने के लिए जागरूक किया जा रहा है.
इसके अलावा जिन इलाकों में सबसे ज्यादा डेंगू के मरीज सामने आए हैं उन इलाकों में लार्वा को खत्म करने के लिए दवा का छिड़काव किया जा रहा है. कलेक्टर ने बताया कि डेंगू के रोकथाम के लिए निगम और जिला प्रशासन, स्वास्थ विभाग मैदानी क्षेत्रों में ड़ेंगू के प्रकोप को रोकने के लिए पूरी तरह से कोशिश कर रहा है और इससे सावधानी बरतने के लिए लोगों से अपील भी की जा रही है. कलेक्टर ने कहा कि डेंगू को लेकर पैनिक होने की जरूरत नहीं है. हालांकि 2 महीने में हुई मौत को लेकर जरूर प्रशासन की चिंता बढ़ी हुई है.