Bastar News: अपने दो सूत्रीय मांग को लेकर छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी संघ भीषण गर्मी के दिनों में राजधानी रायपुर तक पदयात्रा में निकले हैं. मनरेगा कर्मियों ने इस पदयात्रा को 'दांडी यात्रा' का नाम दिया है. हाथों में तिरंगा और सफेद पोशाक पहन कर सैकड़ों कर्मचारी दंतेवाड़ा से अपनी यात्रा की शुरूआत कर गुरुवार को जगदलपुर पहुंचे. वे दंतेवाड़ा से रायपुर तक करीब 400 किमी का पैदल सफर तय कर राजधानी रायपुर पहुंचेंगे. कर्मचारियों का कहना है अगर उनकी मांग पूरी नहीं होती है तो आंदोलन कर रहे करीब 15 हजार कर्मचारी मुख्यमंत्री के निवास का घेराव करेंगे.
कई कर्मचारी हड़ताल पर
बस्तर जिले के सहायक परियोजना अधिकारी पवन कुमार ने बताया कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने से अपने चुनावी घोषणा पत्र में अनियमित कर्मचारियों की 10 दिन के भीतर नियमितीकरण करने की बात मुख्यमंत्री ने कही थी. सरकार बने 3 साल का समय बीत चुका है लेकिन नियमितीकरण को लेकर सरकार किसी तरह की कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रही है. इसी वजह से पूरे प्रदेश के अधिकारी और कर्मचारी 4 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं. पूरे छत्तीसगढ़ से 15 हजार कर्मचारी हड़ताल पर हैं लेकिन फिर भी सरकार कोई सुध नहीं ले रही है.
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प्रदेशभर से बस्तर पहुंचे आंदोलनकारी
इधर मनरेगा कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष सूरज ठाकुर ने बताया कि मनरेगा कर्मचारियों की नियमितिकरण की मांग को लेकर पूरे प्रदेश से अनियमित कर्मचारी संघ के पदाधिकारी मंगलवार को दंतेवाड़ा पहुंचे. जिनमें बलरामपुर, जशपुर, मुंगेली, समेत बस्तर संभाग के सातों जिले और प्रदेश के अन्य जिलों से भी अधिकारी कर्मचारी पहुंचे. उन्होंने कहा कि उनके इस आंदोलन से पूरे प्रदेश भर के ग्रामीणों को मनरेगा के तहत रोजगार मिलना बंद हो गया है और ग्रामीण भी मनरेगा के कर्मचारियों के इस मांग का समर्थन कर रहे हैं.
जेसीसीजे ने किया आंदोलन का समर्थन
इधर मनरेगा कर्मचारियों के इस मांग को लेकर बीजेपी के साथ-साथ बस्तर मुक्ति मोर्चा संघ और छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस ने भी समर्थन दिया है. छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के जिला अध्यक्ष नवनीत चांद का कहना है कि भूपेश सरकार ने 3 साल पहले जो इन कर्मचारियों से वादा किया था उसे जल्द से जल्द पूरा करें.
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