गंदे पानी को छानकर पीने को मजबूर हैं चांदामेटा गांव के लोग, चुनाव बहिष्कार करने की दी चेतावनी
Bastar News: सैकड़ों की आबादी वाले इस चांदामेटा गांव में पेयजल की कोई सुविधा नहीं है, विधानसभा चुनाव के दौरान जनप्रतिनिधियों ने बड़े-बड़े वादे तो किये लेकिन अब तक ना ही गांव में कोई बोर खोदा गया है.
![गंदे पानी को छानकर पीने को मजबूर हैं चांदामेटा गांव के लोग, चुनाव बहिष्कार करने की दी चेतावनी bastar villagers helpless to drink dirty water boycott lok sbaha elections 2024 ann गंदे पानी को छानकर पीने को मजबूर हैं चांदामेटा गांव के लोग, चुनाव बहिष्कार करने की दी चेतावनी](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/04/06/198d62705919f6dd266f5d74faef3b391712411843706694_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Chandameta Village Of Jagdalpur: अप्रैल महीने के शुरुआती दिनों से ही छत्तीसगढ़ के बस्तर में भी बस्तर वासियों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ रहा है, खासकर ग्रामीण अंचलों में तेज धूप और गर्मी की वजह से तालाब, नदी, नाले सूखते जा रहे हैं, आलम यह है कि कई ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को झरिया का पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है,.
वहीं छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के दरभा ब्लॉक के आखिरी छोर में बसा चांदामेटा गांव से ऐसी तस्वीर निकलकर सामने आई है जिसे देखकर आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि यहां के ग्रामीण पेयजल की समस्या के लिए किस तरह जूझ रहे हैं, इस गांव के ग्रामीण साफ पानी के लिए एक कुएं से गंदा पानी पिछले कई दिनों से दिन रात निकाल रहे हैं.
लेकिन यहां ग्रामीणों को साफ पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है, इस वजह से इस पानी को उबालकर और थोड़ी बहुत साफ कर ग्रामीण पीने को मजबूर हो रहे हैं और गंदा पानी पीकर बीमार भी पड़ रहे हैं.
मतदान की वजह से सुर्खियों में आया था चंदामेटा गांव
दरअसल छत्तीसगढ़ में साल 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में बस्तर जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में बसे चांदामेटा गांव ने काफी सुर्खियां देशभर में बटोरी थी, देश की आजादी के 75 साल बाद चांदामेटा गांव में मतदान केंद्र बनाया गया था, जहां के ग्रामीणों ने अपने ही गांव मे बने मतदान केंद्र में पहली बार मतदान किया था, लेकिन चुनाव खत्म होने जाने के बाद एक बार फिर से चांदामेटा की तस्वीर बदल गयी है.
यहां के ग्रामीण बदहाली की जिंदगी जीने को मजबूर हो रहे हैं, यहां के ग्रामीण प्रशासन से ना खुश हैं और यही वजह है कि इस बार ग्रामीण लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दे रहे है.
कोई योजना का नहीं मिला है लाभ
बस्तर जिले के चांदामेटा गांव के ग्रामीणों को विधानसभा चुनाव के दौरान चुनावी प्रचार में पहुंचे जनप्रतिनिधियों ने चुनावी वादा किया था, चुनाव खत्म होते ही मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की बात कही थी, लेकिन चुनाव जीतने के बाद दोबारा किसी जनप्रतिनिधि ने चांदामेटा गांव और यहां के ग्रामीणों की सुध लेने नहीं पहुंचा, आलम यह है कि गर्मी के मौसम में ग्रामीणों को पेयजल के लिए भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
सैकड़ों की संख्या की आबादी वाले इस चांदामेटा गांव में पेयजल की कोई सुविधा नहीं है, विधानसभा चुनाव के दौरान जनप्रतिनिधियों ने बड़े-बड़े वादे तो किये लेकिन अब तक ना ही गांव में कोई बोर खोदा गया है और ना ही नल जल योजना पहुंची है, आलम यह है कि यहां के ग्रामीणों को झरिया का पानी पीने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है और इस पानी को पीकर ग्रामीण बीमार हो रहे हैं.
इन दिनों बस्तर का तापमान भी 42 डिग्री पार हो चुका है. जिससे तालाब, नाला का पानी पूरी तरह से सूख चुका है, ऐसे मुश्किल समय मे चांदामेटा के ग्रामीणों के पास पीने को पानी नहीं है, यही कारण है कि उन्होंने लोकसभा चुनाव बहिष्कार करने की चेतावनी दी है.
गंदा पानी को छानकर पीने को मजबूर है ग्रामीण
इधर गांव के लोगों ने पानी की जरूरत को देखकर गांव में लकड़ियों के सहारे से बनाये गए कुंए को साफ कर रहे है ताकि जीने के लिए थोड़ी बहुत पानी की उपलब्धता बनी रहे कुएं को साफ करने के लिए महिला, पुरुष व छोटे छोटे बच्चे भी पहुंचे हुए हैं. गांव के युवा श्याम कवासी ने कहा कि चांदामेटा गांव में जहां तक सड़क बन गया है. केवल वहां पानी की सुविधा है. लेकिन सभी पारा में पानी की सुविधा नहीं है, गर्मी के मौसम में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
दिक्कतों का करना पड़ रहा है सामना
चांदामेटा गांव में सैकड़ो ग्रामीण एक कुएं के सहारे जीवन व्यापन करते है, लेकिन गर्मी में यह कुंआ भी सूख जाता है,साफ पानी मिलने की उम्मीद में पूरे गांव के लोग कुएं से गंदा पानी निकाल रहे हैं लेकिन उन्हें साफ पानी नहीं मिल रही है, ऐसी स्थिति में प्यास बुझाने के लिए ग्रामीणों को पेयजल के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, ग्रामीणों का कहना है कि इस मामले की शासन प्रशासन को भी जानकारी दी गई है, लेकिन अब तक शासन की ओर से कोई पहल नहीं की गई है.
'जल्द होगा समस्या का निदान'
इधर चांदामेटा के ग्रामीणों द्वारा लोकसभा चुनाव बहिष्कार की चेतावनी देने के मामले पर जगदलपुर विधायक व बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष किरण देव ने कहा कि इस मामले पर विचार किया जाएगा, और प्रशासन अमला से बात की जाएगी कि आखिर क्यों इस गांव तक पेयजल की सुविधा नहीं पहुंची है, और जहां तक ग्रामीणों द्वारा चुनाव बहिष्कार करने की चेतावनी देने की बात है इस मामले में जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा ग्रामीणों को मनाने का प्रयास किया जाएगा.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)