छत्तीसगढ़ के बस्तर में जेल प्रशासन के खिलाफ बीजापुर जिले के सैकड़ों ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया है. विरोध प्रदर्शन कर रहे इन ग्रामीणों में ऐसे भी ग्रामीण हैं जो अलग-अलग मामलों में बस्तर संभाग के अलग अलग जिलों में मौजूद जेलों में सजा काट के बाहर निकले हैं, इन ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि जेलों में कैदियों को आधा पेट भोजन दिया जा रहा है. पिछले 4 सालों से बस्तर के जेलों में अव्यवस्था का आलम है, यही नहीं जब कैदी के परिजन उनसे मिलने जाते हैं तो उन्हें मिलने नहीं दिया जाता है.
ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि जेल के स्टाफ द्वारा बुरा बर्ताव किया जा रहा है. जेल प्रशासन द्वारा किए जा रहे इस बर्ताव को लेकर पहली बार बीजापुर जिले के दर्जनभर गांवों के 500 से ज्यादा ग्रामीणों ने भैरमगढ़ पौंदुम इलाके में विशाल रैली निकाली और इन ग्रामीणों में शामिल 200 से ज्यादा लोगों ने बस्तर के जेलों में कैदियों के साथ किए जा रहे इस तरह की व्यवहार की पूरी पोल खोली.
ग्रामीणों ने इन मांगों को लेकर निकाली विशाल रैली
दरअसल बीजापुर जिले के क्रांतिकारी जतिनदास की शहादत में ग्रामीण उनकी याद में 13 वीं वर्षगांठ मना रहे हैं, और 13 सितंबर से 19 सितंबर तक गांव गांव में 13 वीं वर्षगांठ बनाने की अपील ग्रामीणों ने की है. बुधवार को भी बकायदा 15 से अधिक गांव के सैकड़ों ग्रामीणों ने जिले के भैरमगढ़ ब्लॉक के पौंदुम इलाके में विशाल रैली निकाली और धरना प्रदर्शन किया, हालांकि पुलिस ने ग्रामीणों को भैरमगढ़ ब्लॉक तक पहुंचने नहीं दिया और सुरक्षा गत कारणों का हवाला देते हुए पुलिस ने इन्हें भैरमगढ़ ब्लॉक में 5 किलोमीटर दूर पहले ही रोक दिया, ग्रामीणों ने इस विरोध प्रदर्शन के माध्यम से अपनी मांग रखी है कि जेल में बंद ग्रामीण कैदियों के साथ सही बर्ताव किया जाए.
ग्रामीणों का आरोप है कि कैदियों को आधा पेट भोजन दिया जा रहा है और उनसे काफी बुरा बर्ताव भी किया जा रहा है,जब भी कैदी के परिजन उनसे मिलने आते हैं तो उन्हें मिलने नहीं दिया जाता है, कई किलोमीटर दूर सफर करने के बाद भी पूरे दिन इंतजार करने के बाद उन्हें वापस भेज दिया जाता है और कैदियों से मिलने देने के दौरान परिजनों द्वारा खाने पीने के सामान से लेकर कपड़ा जैसे जो भी जरूरत के सामान मिलते हैं वो भी पूरा सामान कैदियों को नहीं दिया जाता है.
ग्रामीणों ने लगाए ये गंभीर आरोप
इसके अलावा ग्रामीणों ने अपने धरना प्रदर्शन के माध्यम से राजनीतिक जेल बंदियों को बिना शर्त रिहा किए जाने की मांग की है, साथ ही सामाजिक राजनीतिक संघर्ष में गिरफ्तार बंदियों को रिहा करने की मांग की है, इसके अलावा मूलवासियों पर पुलिस द्वारा हमला बंद करने की मांग के साथ ही ग्रामीण महिलाओं के ऊपर अत्याचार और हत्या के खिलाफ संघर्ष जारी रखने की बात कही है, साथ ही आदिवासियों पर ड्रोन हमला बंद करने की भी मांग ग्रामीणों ने इस रैली के माध्यम से की है, ग्रामीणों द्वारा निकाली गई. इस विशाल रैली में किसान संघर्ष समिति के सदस्य और जेल रिहाई मंच के सदस्य के साथ-साथ बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे.
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