Baster Conversion Case: छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में धर्मांतरण का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. बस्तर जिले के बाद नारायणपुर जिले में भी धर्मांतरण से नाराज स्थानीय ग्रामीणों द्वारा विशेष समुदाय के लोगों से मारपीट कर उनके घर तोड़ने से नाराज करीब 300 से 400 की संख्या में विशेष समुदाय के लोगों ने नारायणपुर कलेक्ट्रेट का घेराव कर दिया है. रविवार शाम से ही लगभग 300 की संख्या में ग्रामीण कलेक्ट्रेट के परिसर में धरने पर बैठे हुए हैं.


अपनी 20 सूत्रीय मांगों के साथ मारपीट करने वाले लोगों पर कार्यवाही की मांग को लेकर पिछले 18 घंटों से अपनी मांग को लेकर लगातार विशेष समुदाय के लोग कलेक्टर परिसर में बैठे हुए हैं. धरना प्रदर्शन में बैठे इन लोगों में महिला, बच्चे, बुजुर्ग और युवा शामिल हैं. इधर प्रशासन के लाख समझाने के बावजूद पिछले 18 घंटों से अपनी मांग को लेकर कलेक्टर परिसर में ही विशेष समुदाय के ग्रामीण बैठे हुए हैं.


400 से अधिक ग्रामीण कलेक्ट्रेट परिसर में धरना पर बैठे


दरअसल नारायणपुर के अंदरूनी गांव में लगातार हो रहे धर्मांतरण के विरोध में आसपास के ग्रामीणों ने विशेष समुदाय के लोगों को वापस हिंदू धर्म में शामिल होने की समझाइश दी, लेकिन विशेष समुदाय के लोगों ने इस बात को स्वीकार नहीं किया, जिसके बाद दोनों समुदाय के बीच आपसी विवाद होने लगा और यह विवाद हाथापाई में बदल गया, जिसके बाद आसपास के ग्रामीण भी बड़ी संख्या में इन  गांवो में पहुंचे और विशेष समुदाय के लोगों के मकान तोड़ दिए,.


विशेष समुदाय के लोगों ने कहा कि उन लोगों से मारपीट भी की गयी है, जिनमें 10 से 12 लोगों को बुरी तरह से पीटा गया है. मारपीट से नाराज विशेष समुदाय के करीब 300 ग्रामीण देर शाम ही नारायणपुर कलेक्ट्रेट के परिसर में पहुंच गए और धरना पर बैठ गए.


देखते ही देखते इस समुदाय के लोगों की संख्या बढ़ने लगी और सोमवार सुबह तक करीब 500 ग्रामीण धरना स्थल पहुंच गए, विशेष समुदाय के लोगों का कहना है कि उनके 20 सूत्रीय मांग में मुख्य रूप से उनके साथ और गांव के ग्रामीणों के साथ जिन्होंने भी मारपीट की है उनके ऊपर कड़ी कार्यवाही की जाए, साथ ही जल्द से जल्द गिरफ्तारी की जाए, इसके अलावा जितने लोगों के मकान तोड़े गए हैं. उन मकानों को दोबारा बनाकर प्रशासन द्वारा दिया जाए, यही नहीं धर्मांतरण के नाम पर उन पर हो रहे अत्याचार को रोका जाए. ऐसे ही करीब 20 मांगों को लेकर विशेष समुदाय के लोगों ने मौके पर पहुंचे अपर कलेक्टर, एसडीएम और नारायणपुर के एडिशनल एसपी को ज्ञापन सौंपा.


इस दौरान रविवार शाम को प्रशासन के सभी आला अधिकारियों ने ग्रामीणों को वापस लौटने को कहा और कार्यवाही का भी आश्वासन दिया, लेकिन ग्रामीण नहीं माने और बीते 18 घंटों से अपनी मांग को लेकर अब भी धरना स्थल पर ही डटे हुए हैं. बस्तर में पड़ रही कड़कड़ाती ठंड के बावजूद बड़ी संख्या में महिला, बच्चे,बुजुर्ग और युवा कलेक्ट्रेट परिसर में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और जब तक मांग पूरी नहीं हो जाती तब तक अपनी मांगों को लेकर अड़े रहने की बात कह रहे हैं. 


बस्तर में बढ़ रहे धर्मांतरण के मामले


इधर बस्तर संभाग में धर्मांतरण को लेकर लगातार पिछले कई महीनों से आदिवासी समुदाय के बीच वाद विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है, और मारपीट की भी नौबत आ रही है, कुछ दिन पहले बस्तर जिले के लौंहडीगुड़ा के आंजर में विशेष समुदाय के लोगों के द्वारा क्रिश्चियन धर्म के पद्धति से महिला का शव दफन करने को लेकर स्थानीय ग्रामीणों ने विरोध कर दिया था जिसके बाद यह मामला इतना तूल पकड़ा की दूसरे समुदाय के लोग बस्तर सांसद के पास गुहार लगाने पहुंचे, लेकिन कोई सुनवाई ना होता देख धरना प्रदर्शन करने लगे.


इधर धर्मांतरण रोकने को लेकर भी हिंदू समुदाय के लोगों ने कई घंटों तक चक्का जाम किया और धर्मांतरण को रोकने के लिए प्रशासन से मांग की. इसके अलावा कोंडागांव जिले में इसी तरह की स्थिति देखने को मिली. फिलहाल इस पूरे मामले में प्रशासन के आला अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं, वहीं नारायणपुर में प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि नाराज विशेष समुदाय के लोगों को लगातार मनाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन अब तक उनका धरना प्रदर्शन खत्म नहीं हो सका है.


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