देश में मिनी नियाग्रा के नाम से मशहूर छत्तीसगढ़ के बस्तर में मौजूद चित्रकोट वाटरफॉल के अस्तित्व पर खतरा नजर आ रहा है, क्योंकि चित्रकोट की जो स्थिति गर्मी के दिनों में देखी जाती थी वो अब नवंबर महीने से ही दिखने लगी है, यानी कि इस वाटरफॉल का जलस्तर इतना कम हो गया है कि अब यहां से सिर्फ दो पतली धार ही निकल रही है.


इसका सबसे ज्यादा असर पर्यटन पर पड़ रहा है, क्योंकि ठंड के मौसम में सबसे ज्यादा पर्यटक बस्तर घूमने आते हैं, और पर्यटकों की पहली पसंदीदा जगह चित्रकोट वाटरफॉल होती है, लेकिन जिस तरह से वर्तमान में ठंड के मौसम में इस वाटरफॉल का जो नजारा है उसे देखकर पर्यटक मायूस हो रहे हैं और कह रहे हैं कि इस नजारे ने उन्हें निराश कर दिया.


वाटरफॉल से लगातार घट रहा जलस्तर


पिछले कुछ सालों के मुकाबले यह स्थिति चौंकाने वाली है, क्योंकि इस साल वाटरफॉल का जलस्तर बेहद ही घट गया है. पिछले तीन चार साल से लगातार इंद्रावती में पानी कम होने की वजह से चित्रकोट का पानी कम हो रहा था, लेकिन इस बार तो नवंबर महीने से ही यह स्थिति है. जानकारों ने बताया कि यह स्थिति चित्रकोट की मई-जून माह  में होती थी लेकिन अब नवंबर में ही देखने को मिल रही है. यह नजारा वाकई खतरनाक है. इस समस्या के निपटान के लिए सरकार को अहम कदम उठाना बेहद जरूरी है.


यहां पहुंच रहे पर्यटक हो रहे निराश 


दरअसल ठंड के मौसम और नए साल के मौके पर सबसे ज्यादा पर्यटक बस्तर पहुंचते हैं. अलग-अलग राज्यों से यहां पहुंचे पर्यटकों का  मन चित्रकोट के नजारे को देखकर बेहद निराश हो गया है. पर्यटकों ने कहा कि सोशल मीडिया में जो देखा था दोस्तों के मुंह से जो इसकी तारीफ सुनी थी वैसे यहां देखने को कुछ भी नहीं मिला. अब यहां पर्यटक समय बिताना भी नही चाहते, बड़ा सवाल है कि चित्रकोट के आस-पास का पूरा व्यापार पर्यटन पर ही निर्भर है, ऐसे में अगर चित्रकोट वाटरफॉल का ही यही हाल रहा तो इससे जुड़े यहां के सभी व्यापार तबाह हो जाएंगे.


 इंद्रावती नदी में बनाया जाएगा बैराज


हालांकि इंद्रावती प्राधिकरण के उपाध्यक्ष राजीव शर्मा का कहना है कि इंद्रावती नदी में घटते जल स्तर को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार भी गंभीर है और कई बार ओड़िसा सरकार से बातचीत भी हो चुकी है ,लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला, लेकिन अब चित्रकोट वाटरफॉल में जल स्तर बनाए रखने के लिए इस दिशा में प्रयास किया जा रहा है, जल्द ही इंद्रावती नदी में कुछ जगहों को चिन्हित कर बैराज बनाने की व्यवस्था की जाएगी ताकि नदी में जलस्तर बना रहे और चित्रकोट वाटरफॉल का नजारा देखने आने वाले पर्यटको को नाराज ना होना पड़े.


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