Chhattisgarh News: इस नगर निगम में सरकारी खजाने से लाखों की हेरा फेरी, अधिकारियों और कर्मचारियों पर गिरी गाज
Baster News: छत्तीसगढ़ के एक नगर निगम में सरकारी खजाने से लाखों रुपये की हेरा फेरी का मामला सामने आया है. राशि के गबन का खुलासा CAG की ऑडिट रिपोर्ट में हुआ है.
छत्तीसगढ़ में नगर प्रशासन विभाग की राशि गबन करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. विभाग ने सप्ताह के भीतर शासकीय राशि में गड़बड़ी करने वाले इन अधिकारी कर्मचारियों द्वारा गबन किए गए राशि का सेटलमेंट करने का निर्देश दिया है. छत्तीसगढ़ के जगदलपुर नगर निगम में भी साल 2014-15 के तत्कालीन नगर निगम आयुक्त, राजस्व अधिकारी समेत सहायक राजस्व निरीक्षक और कैशियर पर 16 लाख 10 हजार रुपये की राशि गबन करने का आरोप है.
इसके अलावा बस्तर संभाग के कोंडागांव नगर पालिका और सुकमा नगर पालिका, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, चारमा और भानुप्रतापपुर नगर पालिका और नगर पंचायतों में भी लाखों रुपए गबन करने के आरोप अधिकारी और कर्मचारियों पर लगे हैं.
दरअसल विभिन्न विकास कार्यों के नाम पर आए अलग-अलग मदों में इन अधिकारी कर्मचारियों ने लाखों रुपए का हेरफेर कर दिया है, और लंबे समय से कार्रवाई ना होता देख CAG की ऑडिट आपत्तियों के बाद जगदलपुर नगर निगम समेत कुल 16 शहरों के नगरी निकाय, नगर पालिका और नगर पंचायतों को नोटिस जारी कर सप्ताह भर के भीतर राशि सेटलमेंट का निर्देश नगरीय प्रशासन विभाग ने दिया है.
जगदलपुर नगर निगम दूसरे स्थान पर
नगरी प्रशासन विभाग के उच्च अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक नगरी निकाय , नगर पालिका और नगर पंचायतों में लाखों रुपए की राशि गबन करने का खुलासा CAG की ऑडिट रिपोर्ट में किया गया है. इस रिपोर्ट में पिछले 10 सालों का लेखा जोखा निकाला गया है, जिसमें इन नगर पंचायत, नगर पालिका और नगर निकायों में पदस्थ अधिकारी कर्मचारियों द्वारा शासन के लाखों रुपए की हेराफेरी की गई है, जिसके बाद अब सभी को नोटिस जारी किया गया है.
साथ ही सप्ताह भर के भीतर राशि का सेटलमेंट करने का आदेश भी दिया गया है, अगर तय समय पर राशि सेटलमेंट नहीं की जाती है तो उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही भी की जाएगी. इधर पूरे प्रदेश में जगदलपुर नगर निगम राशि गबन के मामले में दूसरे स्थान पर है. यहां साल 2014-15 में तत्कालीन आयुक्त रहे रमेश जायसवाल,राजस्व अधिकारी विनय श्रीवास्तव, सहायक राजस्व निरीक्षक चंदन प्रजापति और कैशियर अनिल पिल्ले पर कुल 16 लाख 10 हजार 262 और 1 लाख 22 हजार 742 रुपये का हेराफेरी करने का आरोप लगा है.
सरकारी खजाने से इतने रुपए गायब किए 8 साल बीत चुके हैं, लेकिन इनके द्वारा राशि गबन की जानकारी नहीं दी जा रही थी, जिसके बाद आखिरकार नगरीय प्रशासन ने अब नोटिस भेजकर राशि सेटलमेंट के लिए सप्ताह भर का ही समय दिया है.
इसके अलावा बस्तर संभाग के सुकमा नगर पालिका में 1 लाख 40 हजार रुपये का गबन करने का आरोप यहां के अधिकारी कर्मचारियों पर लगा है. वहीं दंतेवाड़ा ,कोंडागांव, नारायणपुर, भानुप्रतापपुर और चारमा में भी 10 लाख रुपए की अधिक राशि का गबन अधिकारी कर्मचारियों द्वारा किया गया है. फिलहाल अब नगरी प्रशासन विभाग इन अधिकारी कर्मचारियों पर सरकारी खजाने की राशि गबन करने के मामले में सख्ती बरतते दिखाई दे रहा है, और सप्ताह भर में अगर राशि का सेटलमेंट नहीं होता है तो कड़ी कार्रवाई करने के भी निर्देश विभाग के उच्च अधिकारियों ने दिए हैं.
इसे भी पढ़ें: