Batar News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बस्तर (Batar) के भेजरीपदर गांव में धर्मान्तरण को लेकर उपजा विवाद सप्ताह भर बाद अब आखिरकार शांत होता नजर आ रहा है. दरअसल विशेष धर्म की महिला के शव दफन को लेकर दो समुदाय के बीच विवाद बढ़ गया था, जिसके चलते इस गांव में सुरक्षा के लिहाज से सैकड़ों जवानों को तैनात किया गया था. जो अब धीरे-धीरे वापस लौट रहे हैं.
क्षेत्र के विधायक,प्रशासन के बड़े अधिकारी और सभी गांववालों की मौजूदगी में मृतक महिला के परिजनों के द्वारा हिंदू धर्म में वापसी के बाद मूल धर्म के आदिवासियों ने दफनाए गए शव को बाहर नहीं निकालने का निर्णय लेते हुए दूसरे समुदाय के लोगों से विवाद खत्म कर दिया है. यह विवाद सप्ताह भर से जारी था. इसके चलते पूरे गांव में 500 से अधिक जवानों को तैनात किया गया था. साथ ही गांव में मौजूद चर्च में भी सुरक्षा बढ़ाई गई थी. हालाकिं अब माहौल शांत हो गया है.
मृतक महिला के परिजनों ने की हिंदू धर्म में वापसी
बस्तर में धर्मांतरण को लेकर गांव-गांव में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो रही है. दूसरे धर्म को अपनाने वाले लोगों के घरों में मौत होने के बाद उनके शव को गांव में नहीं दफनाने को लेकर मूल धर्म के आदिवासियों और धर्मांतरण करने वाले लोगों के बीच विवाद की स्थिति उत्पन्न हो रही है. सप्ताह भर पहले तोकापाल ब्लॉक के भेजरीपदर गांव में भी विशेष धर्म की महिला की मौत के बाद उसके शव को गांव में दफनाया जा रहा था.
इसको लेकर आदिवासियों ने जमकर विवाद किया. दोनों समुदाय के बीच मारपीट की नौबत आ गई. इसके बाद पुलिस को इसकी सूचना दी गई. इसके बाद सैकड़ों की संख्या में पुलिस बल को पूरे गांव में तैनात किया गया और मृतक महिला के शव को उसके ही घर के आंगन में दफनाया गया, लेकिन मूल धर्म के आदिवासी दफनाए हुए शव को निकालने के लिए पुलिस पर दबाव बना रहे थे.
पिछले सप्ताह भर से दोनों समुदाय के बीच तनातनी की स्थिति थी. इसके बाद क्षेत्र के विधायक और प्रशासन के बड़े अधिकारी की मौजूदगी में दोनों समुदाय के लोगों के बीच विशेष ग्राम सभा आयोजित की गई. यही नहीं मृत महिला के परिजनों के द्वारा हिंदू धर्म में वापसी के बाद मामले को शांत कराया गया और अब शव को बाहर नहीं निकालने का निर्णय लिया गया. मृत महिला के परिजनों ने कहा कि वो वापस हिंदू धर्म में आना चाहते हैं. इसके बाद मूल धर्म के लोगों ने उनकी घर वापसी कराई.
500 से अधिक जवान गांव में थे तैनात
बस्तर पुलिस के एडिशनल एसपी निवेदिता पॉल ने बताया कि अब गांव में किसी प्रकार के तनाव की स्थिति नहीं है. गांव की सुरक्षा में तैनात जवानों को अब वापस बुलाया जा रहा है. धीरे-धीरे जवानों की वापसी भी हो रही है.
मूल धर्म के आदिवासियों ने विशेष समुदाय के लोगों के खिलाफ गांव में माहौल खराब करने के चलते शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें कुछ लोगों की पुलिस ने गिरफ्तारी भी की है. गांव वालो ने अब गांव में तनाव की स्थिति खत्म होने की बात कही है. इस क्षेत्र के विधायक राजमन बेंजाम का कहना है कि ऐसी स्थिति भविष्य में ना बने इसको लेकर दोनों ही पक्षों के प्रमुखों से अपील की गई है. ग्रामीणों ने बैठक कर आपस में ही विवाद को सुलझाया है.
बीजेपी के जांच दल ने भी किया था गांव का दौरा
वहीं इस मामले में बीजेपी ने भी एक जांच दल बनाकर इस गांव का दौरा किया था. इतना ही नहीं बीजेपी के नेताओं ने पुलिस प्रशासन पर एकतरफा कार्रवाई करने का आरोप लगाया था. फिलहाल गांव में बीते एक सप्ताह से बने तनाव की स्थिति अब समाप्त होती नजर आ रही है. गांव में तनाव के मद्देनजर बस्तर जिले के 4 थानों की पुलिस और डीआरजी के जवानों को यहां बीते सप्ताह भर से तैनात किया गया था. इन जवानों को अगले एक से दो दिन में गांव से धीरे धीरे हटा लिया जाएगा.