Chhattisgarh Cyber News: छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में ऑनलाइन ठगी का बेमेतरा पुलिस ने भंडाफोड़ किया है. मिली जानकारी के अनुसार आरोपियों द्वारा 25 लाख की लॉटरी लगने के नाम पर पीड़ित से 48 हजार रुपये प्रोसेसिंग चार्ज के नाम पर वसूल किए थे. इस ऑनलाइन ठगी के मामले में अंर्तराज्यीय ठग गिरोह के दो ठगों को बेमेतरा पुलिस ने गिरफ्तार किया है. ठगों के पास से 44 एटीएम कार्ड, अलग-अलग मोबाइल कंपनियों के सिम सहित पैन कार्ड, आधार कार्ड और अन्य डॉक्यूमेंट बरामद किए गए हैं.
25 लाख की लॉटरी लगने का आरोपी ने दिया था झांसा
दरअसल नवागढ़ थाना अंतर्गत ग्राम गनिया निवासी नीराबाई ध्रुव के साथ अज्ञात व्यक्तियों ने ठगी की है. पीड़ित से मोबाइल फोन पर संपर्क कर 25 लाख की लॉटरी लगने का झांसा देकर प्रोसेसिंग फीस के नाम पर दो एसबीआई बैंक खाता में 48 हजार जमा करवाया गया. ठगी की शिकार हुई नीराबाई ने नवागढ़ थाने पहुंच अपनी रिपोर्ट दर्ज कराई. पुलिस ने अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लेते हुए खाताधारकों की जांच पड़ताल करने में ओम प्रकाश यादव पिता बद्री प्रसाद निवासी करोंदिया पोस्ट उमरिया मध्य प्रदेश के नाम से तथा दूसरा खाता करतार सिंह अरोरा आसनसोल पश्चिम बंगाल के नाम से पंजीबद्ध होना बताया.
ऑनलाइन ठगी करने के लिए आरोपी ने ली थी ट्रेनिंग
आरोपी से संबंधित खाता को तत्काल होल्ड कराया गया. पुलिस ने भोपाल से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. ओम प्रकाश यादव से थाना नवागढ़ में इस मामले में पूछताछ करने पर दोस्त जय गुप्ता वर्तमान निवासी भोपाल के द्वारा कॉलेज की फीस बताकर रकम का ट्रांजैक्शन करना बताया. ठग गिरोह का मास्टर माइंड जय गुप्ता मूलत: बिहार का निवासी है. बिहार में ही रहकर उसने ठग गिरोह के संपर्क में आकर सायबर ठगी की ट्रेनिंग ली. फिर साल 2021 में वह फार्मेसी की पढ़ाई करने भोपाल चला गया. मोहिनी विहार भोपाल में किराए का रूम लेकर वह पढ़ाई कर रहा था. आरोपी बस से कॉलेज आना-जाना करता था. एक दिन उसी बस में उसकी पहचान आरोपी ओमप्रकाश से हुई. यह दोस्ती ऑनलाइन ठगी के पार्टनरशिप में बदल गई.
बस में दोस्ती हुई और फिर बना लिया ठगी का पार्टनर
बेमेतरा एसपी धमेन्द्र सिंह ने पूरे मामले का खुलासा करते हुए बताया कि गिरोह का मास्टर माइंड जय गुप्ता उर्फ आकाश कुमार गोपालगंज, बिहार और ओमप्रकाश पिता बद्रीप्रसाद यादव ग्राम करौंदिया पोस्ट उमरिया, मध्यप्रदेश का रहने वाला है. मास्टर माइंड जय अपने सहयोगी ओमप्रकाश के बैंक खाते का इस्तेमाल ऑनलाइन ठगी की रकम ट्रांसफार कराने के लिए करता था. बदले में उसे कमीशन देता था. जांच में पुलिस को संबंधित खाते में ट्रांजेक्शन के अलावा भी करोड़ों रुपए के अन्य ट्रांजेक्शन का पता चला है.
सायबर ठग गिरोह के पास से पुलिस ने अलग-अलग बैंकों के 44 एटीएम कार्ड, सात मोबाइल, कई कंपनियों के 14 सिम कार्ड, पैन कार्ड, आधार कार्ड, इंडिया पोस्ट कार्ड, बैंक पासबुक और 10,600 रुपए कैश बरामद किया है. दोनों आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने ठगी का मामला दर्ज कर जांच में जुट गई है.