Chhattisgarh Violence Case: छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के बिरनपुर गांव में एक युवक की हत्या के बाद उपजे दो समुदायों के बीच विवाद का आज छटवा दिन है छटवा दिन बाद आज बिरनपुर गांव में अमन चैन फिर से लौट रहा है. शांति समिति की बैठक में समाज प्रमुखों और ग्रामीणों की पहल कामयाब होते दिख रही है. गौरतलब है कि जिला प्रशासन द्वारा आयोजित इस बैठक में सभी समाज प्रमुखों और ग्रामीणों ने सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया था कि सभी मिलजुलकर शांति से रहेंगे गांव में पहले की तरह अमन-चैन कायम रखेंगे. बैठक का सकारात्मक असर गांव में दिख रहा है. गांव में माहौल तेजी से शांति की ओर है.


सामाजिक बैठक के बाद गांव के हालात में हो रहा सुधार


आज ग्रामीणों ने चर्चा में बताया कि कल प्रमुख प्रशासनिक अधिकारियों ने हम ग्रामीणों की बैठक ली. जिसमें हमने विस्तार से अपने पक्षों को प्रशासन को अवगत कराया था. सब लोग इस बात पर सहमत हुए कि गांव की अच्छी छवि के लिए और सुरक्षा के बेहतर माहौल के लिए शांति बहुत जरूरी है और जो आपसी समस्याएं हैं उसे बैठकर शांतिपूर्ण वातावरण में ही हल करेंगे. ग्रामीणों ने कहा कि गांव में हमेशा से सभी लोग प्रेमभाव से रहते आए हैं. गांव के बड़े बुजुर्गों ने कहा कि हम सब लोग त्यौहार वगैरह भी साथ मनाते हैं. कभी ऐसा नहीं हुआ था. जो प्रकरण हुआ वो बहुत दुखद है. अधिकारी दोषियों पर कार्रवाई कर रहे हैं.


आज भी डटे रहे गांव में डीएम और पुलिस अधिकारी


बेमेतरा कलेक्टर पदुम सिंह एल्मा सहित अन्य अधिकारी भी आज पूरे समय बिरनपुर गांव में मौजूद रहे. 12 अप्रैल को प्रशासनिक अधिकारियों ने विस्तार से मामले की बारीकियों पर ग्रामीणों से चर्चा की थी. 12 अप्रैल को बिरनपुर गांव में ही हुई बैठक में प्रशासन ने विशेष तौर पर उन बातों को रेखांकित किया गया जिसकी वजह से पूरे प्रकरण के बारे में आपसी समझ बढ़ी. साथ ही लोगों को बताया गया कि शांति कितनी जरूरी है. आज ग्रामीणों ने भी कहा कि प्रशासन पूरी तरह से सुरक्षा में लगा है. साथ ही जरूरी सुविधाओं को भी उपलब्ध करा रहा है.


गांव के लोगों को मुहैया कराया जा रहा राशन और मेडिकल सुविधा


गांव में लोगों को राशन मिलता रहे इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा पूरी व्यवस्था की गई और घर-घर राशन पहुंचाया गया. साग-सब्जी भी लोगों को मिल पाए इस बात की भी व्यवस्था की गई है. स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए मोबाइल मेडिकल यूनिट और मेडिकल स्टाफ पूरी समय मौजूद हैं. 12 अप्रैल को गांव में एक लड़की की तबियत खराब हो गई. जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य की टीम घर पर पहुंच गई और इलाज किया. गांव में पशुधन काफी है और इसके लिए भी पशुधन विभाग ने वेटरनरी डॉक्टर की व्यवस्था की है.


सरपंच ने बताया, प्रशासन की समझाइश का हुआ अच्छा असर


बिरनपुर गांव के सरपंच जेठूराम साहू ने बताया कि कल शांति समिति की बैठक में सबने अपनी बात रखी. खुलकर रखी बात से गांव का माहौल अच्छा बना. अधिकारियों ने भी बताया कि किस तरह शांति से रहने से गांव में अच्छा माहौल बनेगा. उनकी समझाइश का असर हुआ है और लोग यह कह रहे हैं कि अब शांति के लिए पूरा कार्य करेंगे.


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