Chhattisgarh News: नाबालिक छात्रा के साथ दुष्कर्म मामले में हटाए गए बीईओ और बीआरसी, सुकमा कलेक्टर ने की कार्रवाई
Sukma Rape Case सुकमा कलेक्टर ने अपने कार्य में लापरवाही बरतने पर कोंटा विकासखंड के ब्लॉक एजुकेशन अधिकारी और बीआरसी पर कार्रवाई करते हुए तत्काल प्रभाव से पद हटा दिया है.
Sukma News: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के कोंटा ब्लॉक के एर्राबोर में संचालित कन्या आवासीय विद्यालय में एक नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म के मामले में सुकमा के कलेक्टर ने एक और बड़ी कार्यवाही की है. सुकमा कलेक्टर ने अपने कार्य में लापरवाही बरतने पर कोंटा विकासखंड के ब्लॉक एजुकेशन अधिकारी और बीआरसी पर कार्रवाई करते हुए तत्काल प्रभाव से पद हटा दिया है. इसके अलावा मूल पद पर पोस्टिंग करते हुए इनकी जगह पर नए अधिकारियों की नियुक्ति की गई है. बताया जा रहा है कि छात्रावास के देख रेख और छात्रा के साथ दुष्कर्म के मामले पर लापरवाही बरतने के चलते यह कार्रवाई की गई है.
जांच के बाद बीईओ और बीआरसी पर हुई कार्रवाई
कोंटा ब्लॉक के एर्राबोर में संचालित कन्या आवासीय विद्यालय में हुए एक नाबालिक छात्रा से दुष्कर्म के मामले में लगातार अब जिला प्रशासन लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही कर रही है. इससे पहले ही इस मामले में कन्या आवासीय विद्यालय की अधीक्षिका हिना खान पर दुष्कर्म के मामले में घोर लापरवाही बरतने के चलते तत्काल प्रभाव से उसे निलंबित करने के साथ एफआईआर भी दर्ज किया और गिरफ्तारी भी हो गई है. और इस मामले की लगातार जांच के दौरान सुकमा कलेक्टर एस. हरीश ने बुधवार को इसी मामले में आदेश जारी करते हुए कोंटा ब्लॉक के बीईओ एस.दीप और बीआरसी पर भी कार्यवाही करते हुए उन्हें पद से हटा दिया है. उनकी जगह पर कोंटा ब्लॉक के नए बीईओ पांडावालू श्रीनिवास राव और बीआरसी शेख शाहजहां को बनाया गया है. वही पुराने बीईओ एस. दीप को उनके मूल पदस्थ संस्था शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोंटा में पदस्थ किया गया है. इसके अलावा बीआरसी को भी जिला मुख्यालय में अटैच किया गया है. बताया जा रहा है कि लगातार इस मामले में अभी भी जांच जारी है, वही और भी कार्रवाई हो सकती है.
क्या है मामला
दरअसल, 22 जुलाई को एर्राबोर में संचालित कन्या आवासीय विद्यालय में एक नाबालिग छात्रा के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया था. इस मामले में 5 दिन बाद आरोपी की गिरफ्तारी हुई थी. जिला प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच टीम गठित कर लगातार इस मामले की जांच कर रही थी और कार्य में लापरवाही बरतने पर सबसे पहले अधीक्षिका पर कार्यवाही की गई. उसके बाद कोंटा विकासखंड के बीईओ और बीआरसी पर लापरवाही बरतने को लेकर कार्यवाही की गई है. बताया जा रहा है जांच में और भी लोगो पर कार्यवाही की जा सकती है.
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