(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Bhanupratappur By-election: बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर, जानें दोनों पार्टियों के लिए क्यों अहम है ये चुनाव
By-election 2022: भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए कुल 256 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं. इनमें से 82 मतदान केंद्र नक्सल संवेदनशील और 17 मतदान केंद्र अति नक्सल संवेदनशील हैं.
Bhanupratappur News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए सोमवार सुबह 7 बजे से मतदान शुरू हो गया है. नक्सल प्रभावित जिला होने के कारण मतदान 3 बजे तक समाप्त हो जाएगा. इस चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी की सीधी टक्कर है. कांग्रेस की तरफ से सावित्री मंडावी चुनावी मैदान में हैं और बीजेपी की तरफ से ब्रम्हानंद नेताम हैं. दोनों पार्टी ने सत्ता के सेमीफाइनल में जीतने के लिए जमकर प्रचार प्रसार किया है.
दरअसल, इस आदिवासी सीट पर 7 प्रत्याशी मैदान में है. लेकिन सीधी टक्कर कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही है. निर्वाचन आयोग की तरफ से बताया गया है कि भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए 5 दिसम्बर को होने वाले मतदान में क्षेत्र के एक लाख 95 हजार 822 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. इनमें 95 हजार 266 पुरूष मतदाता, एक लाख 555 महिला मतदाता और एक थर्ड जेंडर मतदाता शामिल है.
82 मतदान केंद्र में है नक्सलियों का प्रभाव
भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए कुल 256 मतदान केन्द्र बनाए गए है. इनमें से 82 मतदान केन्द्र नक्सल संवेदनशील और 17 मतदान केंद्र अति नक्सल संवेदनशील है. राजनीतिक रूप से संवेदनशील मतदान केंद्रों की संख्या 23 है. आसानी से मतदान संपन्न कराने के लिए 256 मतदान दल गठित किए गए हैं. प्रत्येक मतदान दल में एक पीठासीन अधिकारी और तीन मतदान अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है. साथ ही रिजर्व दल भी बनाए गए है. मतदान के लिए 30 सेक्टर अधिकारी भी बनाए गए हैं जो अपने क्षेत्र के मतदान केन्द्रों का लगातार भ्रमण कर रिपोर्टिंग करेंग.
इस उपचुनाव में खास क्या है?
वहीं आपको बता दें कि इस उपचुनाव में कांग्रेस की तरफ से प्रत्याशी स्वर्गीय मनोज मंडावी की पत्नी- सावित्री मंडावी है. विधानसभा उपाध्यक्ष रह चुके मनोज मंडावी के निधन के बाद ये सीट खाली हुई है. बीजेपी प्रत्याशी ब्रम्हानंद नेताम चुनाव के लिए नामंकन भरने के साथ ही नेता विवादों में घिर गए थे. कांग्रेस ने नेताम को रेप का आरोपी बताया है. इस मामले में झारखंड पुलिस भानुप्रतापुर पहुंची थी. वहीं देखना ये भी जरूरी है कि आदिवासी समाज आरक्षण को लेकर नाराज हो गए है. उसे मानने में कांग्रेस कितनी सफल होती है. हालांकि कांग्रेस ने चुनाव से पहले विधानसभा में आरक्षण बढ़ाने के लिए विधेयक पारित कर दिया है.
सत्ता का सेमीफाइनल क्यों?
गौरतलब है कि 2023 में विधानसभा चुनाव होने वाले है. छत्तीसगढ़ में ये आखिरी विधानसभा उपचुनाव है. इससे पहले 4 उपचुनाव में कांग्रेस को बड़ी जीत मिली और बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा. इस बार भी दोनों पार्टी पूरी ताकत के साथ चुनावी मैदान पर उतरे है. सत्ता के सेमीफाइनल में जीत के साथ 2023 चुनाव में कदम रखना चाहते हैं. इसलिए ये चुनाव दोनों ही पार्टी के लिए अहम है.
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