Bhanupratappur By-Election Results 2022: छत्तीसगढ़ के भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी सावित्री मंडावी ने 21,171 मतों के अंतर से उपचुनाव जीत लिया है. कांग्रेस की जीत के साथ ही पूरे भानुप्रतापपुर में जश्न का माहौल है. चुनाव जीतने के बाद मतदान केंद्र पहुंची सावित्री मंडावी भावुक हो गई और इस जीत के लिए सभी लोगों का दिल से आभार व्यक्त किया, दरअसल शुरुआत से ही कांग्रेस की प्रत्याशी सावित्री मंडावी आगे चल रही थीं और आखिरी 19वें राउंड के मतगणना के बाद सावित्री मंडावी को 65479 वोट मिले जबकि बीजेपी के प्रत्याशी ब्रह्मानंद नेताम को 44308 और सर्व आदिवासी समाज के निर्दलीय प्रत्याशी अकबर कोर्राम को 23417 वोट मिले.
सावित्री मंडावी ने बीजेपी प्रत्याशी से कुल 21171 मतों के अंतर से विधानसभा उपचुनाव में विजय हासिल कर लिया है, इधर भानुप्रतापपुर के साथ-साथ पूरे बस्तर संभाग और छत्तीसगढ़ के कांग्रेस भवन में जश्न का माहौल देखने को मिल रहा है. भानुप्रतापपुर में खासकर महिला कांग्रेस के कार्यकर्ता आतिशबाजी कर जमकर जश्न मना रही हैं. इसी के साथ ही छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के सरकार के कार्यकाल में यह पांचवा उपचुनाव है और सभी उप चुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज किया है, सावित्री मंडावी ने इस जीत को भानुप्रतापपुर की जनता और पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की जीत बताया है.
किस प्रत्याशी को कितने मिले वोट
भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव में आखिरी और 19वें राउंड की हुई मतगणना में बीजेपी प्रत्याशी बम्हानंद नेताम को 44,308 वोट, सावित्री मंडावी को 65, 479, घनश्याम जुर्री को 2485, डायमंड नेताम को 813, शिवलाल पुड़ो को 1309, अकबर कोर्राम को 23417 वोट, दिनेश कल्लो को 3851 और नोटा 4251 वोट पड़े हैं, सावित्री मंडावी ने 21171 मतों से भानुप्रतापपुर उप चुनाव जीत लिया है.
भानुप्रतापपुर में कब किस पार्टी की कितनी बार हुई जीत
दरअसल साल 1962 में भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट अस्तित्व में आई थी. कांग्रेस ने यहां 6 बार जीत दर्ज की है. 1985 से कांग्रेस के साथ बीजेपी भी मैदान में है. दोनों पार्टी के उम्मीदवारों ने लगातार दो बार तो जीत दर्ज की है, लेकिन हैट्रिक कोई नहीं लगा सका है. पहले चुनाव में निर्दलीय रामप्रसाद पोटाई ने कांग्रेस के पाटला ठाकुर को हराया.
साल 1967 के दूसरे चुनाव में प्रजा सोसलिस्ट पार्टी के जे हथोई जीते. साल 1972 में कांग्रेस के सत्यनारायण सिंह जीते. साल 1979 में जनता पार्टी के प्यारे लाल सुखलाल सिंह जीत गए. साल 1980 और साल 1985 के चुनाव में कांग्रेस के गंगा पोटाई की जीत हुई. वहीं साल 1990 के चुनाव में निर्दलीय झाड़ूराम ने पोटाई को हरा दिया.
जबकि साल 1993 में बीजेपी के देवलाल दुग्गा यहां से जीत गए. वर्ष 1998 में कांग्रेस के मनोज मंडावी जीते और अजीत जोगी सरकार में मंत्री रहे वहीं साल 2003 में बीजेपी के देवलाल दुग्गा फिर जीत गए, जबकि साल 2008 में बीजेपी के ही ब्रम्हानंद नेताम यहां से विधायक बने. वहीं साल 2013 में कांग्रेस के मनोज मंडावी ने वापसी की. साल 2018 के चुनाव में भी उन्होंने जीत दर्ज की, वहीं उनकी मौत के बाद हुए उपचुनाव में भी उनकी पत्नी और कांग्रेस के प्रत्याशी सावित्री मंडावी ने जीत दर्ज की.
इसे भी पढ़ें: