Chhattisgarh Politics: छत्तीसगढ़ के भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव के नामांकन दाखिल करने का गुरुवार 17 नवंबर को अंतिम दिन है. ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस दोनों के प्रत्याशी तय होने के बाद अपने-अपने नामांकन फार्म ले लिये. छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने इस उपचुनाव में अपने कैंडिडेट नहीं खड़े करने का फैसला लिया. जनता कांग्रेस पार्टी के प्रमुख अमित जोगी (Amit Jogi) ने खुले तौर पर कांग्रेस के प्रत्याशी सावित्री मंडावी (Savitri Mandavi ) को समर्थन देने का एलान किया. उन्होंने कहा कि दिवंगत मनोज मंडावी और उनके परिवार से जोगी परिवार का पारिवारिक संबंध है. ऐसे में वे इस उपचुनाव में अपने प्रत्याशी खड़े नहीं करेंगे और सावित्री मंडावी का समर्थन करेंगे.
छत्तीसगढ़ आम आदमी पार्टी ने भी उपचुनाव में अपने प्रत्याशी खड़े नहीं करने का फैसला लिया. आप पार्टी के छत्तीसगढ़ प्रमुख संजीव झा का कहना है कि यह चुनाव केवल एक साल का मामला है और इतनी कम अवधि के लिए केवल एक विधायक की उपस्थिति लगभग नगण्य रहेगी. इसलिए यह निर्णय लिया गया है कि 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में आप पार्टी अपनी पूरी ताकत के साथ हिस्सा लेगी.
क्या है भानुप्रतापपुर जनता की राय
गुरुवार को नामांकन दाखिल का अंतिम दिन है और ऐसे में गुरुवार को भानुप्रतापपुर में दोनों ही राष्ट्रीय दल के नेता अपनी-अपनी ताकत झोकेंगे. जानकारी के मुताबिक खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम, सावित्री मंडावी के नामांकन दाखिल के दौरान मौजूद रहेंगे. वहीं बीजेपी प्रत्याशी ब्रह्मानंद नेताम के नामांकन दाखिल के दौरान बस्तर और रायपुर के बीजेपी के बड़े नेता मौजूद रहेंगे. हालांकि छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस और आप पार्टी ने अपने प्रत्याशी नहीं खड़े करने का फैसला तो ले लिया लेकिन भानुप्रतापपुर में सर्व आदिवासी समाज के 50 से अधिक प्रत्याशियों ने नामांकन खरीद लिया. उनके द्वारा 17 नवंबर को नामांकन दाखिल करने की भी जानकारी मिल रही हैं.
आदिवासी इस बात पर कांग्रेस-बीजेपी से नाराज
चुनाव को लेकर कांग्रेस बीजेपी दोनों ही आदिवासियों के बीच अपनी अच्छी पकड़ बता रहे हैं लेकिन आरक्षण के मुद्दे पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टी ने आदिवासियों को नाराज कर दिया. इस वजह से उन्हें अपने प्रत्याशी खड़े करने पड़ रहे हैं. भानुप्रतापपुर वासियों का कहना है कि चुनाव जरूर हो रहे हैं और प्रत्याशियों से उम्मीद भी है लेकिन अब तक भानुप्रतापपुर विधानसभा चुनाव में जो विकास कार्य किए जाने हैं वो पिछले कई सालों से नहीं किए गए. इस वजह से जनता में भी नाराजगी है हालांकि नामांकन दाखिल करने के बाद दोनों ही पार्टी के प्रत्याशी अपने-अपने ताकत झोंकने के लिए पूरे प्रयास में जुट गए हैं. अब यह देखने वाली बात होगी कि भानूप्रतापपुर विधानसभा की जनता किसे अपना विधायक चुनती है.
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