Bharat Bandh Today: विभिन्न संगठनों के बुधवार को बुलाए 'भारत बंद' का छत्तीसगढ़ में आंशिक असर रहा. एक दिवसीय 'भारत बंद' का असर राज्य के आदिवासी बहुल इलाकों में देखने को मिला. सरगुजा संभाग के कुछ हिस्से मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी और धमतरी जिले में ज्यादातर दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे. बस्तर संभाग के सात जिलों में भी बंद का असर रहा. बता दें कि आरक्षण से संबंधित उच्चतम न्यायालय के आदेश को लेकर विभिन्न संगठनों ने आज भारत बंद का आह्वान किया था.


रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, राजनांदगांव और कोरबा जैसे जिलों में बंद का आंशिक असर देखने को मिला. स्कूल, अस्पताल और अन्य आवश्यक सेवाओं को बंद से बाहर रखा गया. परिवहन सेवाएं भी काफी हद तक अप्रभावित रहीं. दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय में सर्व आदिवासी समाज (एसएएस) ने बंद को समर्थन दिया.


एसएएस के सदस्यों ने विशाल मोटरसाइकिल रैली निकाली. छात्र संगठन एसएएस की आदिवासी इलाकों में अच्छी उपस्थिति है. सर्व आदिवासी समाज के नेता बल्लू भवानी ने पत्रकारों को संबोधित किया. उन्होंने दावा किया कि अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) आरक्षण पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ बंद का दंतेवाड़ा में अच्छा समर्थन मिला.


छत्तीसगढ़ में कैसा रहा 'भारत बंद' का असर?


उन्होंने कहा कि व्यापारी संगठन सहित समाज के सभी वर्गों ने बंद का समर्थन किया. भवानी ने कहा कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और प्रधान न्यायाधीश को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी कार्यालय में सौंपा गया है. ज्ञापन में एसटी और एससी आरक्षण पर 'असंवैधानिक' फैसले के खिलाफ विरोध जताया गया है.


राज्य के विपक्षी दल कांग्रेस का भी बंद को नैतिक समर्थन मिला. कांग्रेस ने मांगों पर ध्यान देने की मांग की. प्रदेश कांग्रेस की संचार शाखा के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, ''एसटी और एससी के लोगों और संगठनों ने वैध मांगों के समर्थन में भारत बंद का आह्वान किया है. उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाना चाहिए क्योंकि उनका संवैधानिक अधिकार है. कांग्रेस उनके आंदोलन का नैतिक समर्थन करती है.''


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