Raigarh News: रायगढ़ जिले के कटघोरा नगर में स्थित भारत माता मंदिर को नया स्वरूप देने को लेकर लिया गया संकल्प फिलहाल साकार नहीं हो सका है. अखिल भारतीय संस्था संस्कार भारती ने इसकी चिंता करने के साथ नगर के नागरिकों के सहयोग से नवनिर्माण प्रारंभ कराया था. कतिपय कारणों से निर्माण रुका हुआ है. आसपास के परिसर में रात्रि को अराजक तत्वों की उपस्थिति के साथ शराबखोरी होने की खबर है. मंदिर परिसर में सहज ही बेतरतीब शराब की बोतल पड़ी दिख जाएंगे.


कटघोरा कस्बे में जो भारत माता मंदिर स्थित है उसे छत्तीसगढ़ का प्रथम और देश का द्वितीय मंदिर बताया जाता है. मंदिर के भीतर प्रतिमा जैसा कुछ नहीं है लेकिन यहां अखंड भारत का मानचित्र उपलब्ध है. इसे वर्षों पहले उकेरा गया था. जिसकी पूजा अर्चना राष्ट्रीय पर्वों के अलावा अन्य मौकों पर लोग किया करते हैं. इसी नाते इस मंदिर को पहचान मिली. बीते वर्षों में देशभक्ति गीतों की प्रतियोगिता के अलावा राष्ट्रीय सरोकार से जुड़े हुए कई कार्यक्रम इस क्षेत्र में किये गए. इसके माध्यम से बहुसंख्यक लोगों को मालूम चला कि कटघोरा में भी कोई खास जगह है जिसका अपना विशेष महत्व है. 


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जानकार बताते हैं कि ऐसे ही एक कार्यक्रम के दौरान जागरूक लोगों ने पूर्ववर्ती भारत माता मंदिर की दशा और इसके स्वरूप को लेकर चिंता जताने के साथ इसे बेहतर करने का विचार दिया. संस्कार भारती को दायित्व दिया गया कि वह काम को हाथ में लेने के साथ आगे बढ़ाए. शुरूआती दौर में लोगों की ओर से जो दावे किये गए थे उसमें हर स्तर पर सहयोग करने की संकल्पना शामिल थी. आंशिक रूप से धन संग्रह करने के साथ निर्माण कार्य को प्रारंभ किया गया. 


बताया जा रहा है कि इसके बाद अपेक्षित संसाधन की पूर्ति नहीं हो सकी और ऐसे में काम को बंद करना पड़ा. लगभग तीन वर्ष का समय हो चुका है जबकि मंदिर को आगे बढ़ाने की रफ्तार रूकी हुई है. नतीजा यह है कि आधे अधूरे परिसर में सुरक्षा प्रबंध न होने का भरपूर लाभ रात्रिकाल में अराजक तत्व उठा रहे हैं.


अब तक केवल एक ही घोषणा


नगर पालिका अध्यक्ष रतन मित्तल ने अपने अध्यक्ष निधि से मंदिर में लेटर ढलाई के लिए 5 लाख रुपये देने की घोषणा की है जिसका कार्य जल्द ही प्रारम्भ कर दिया जाएगा. लेकिन इसके अलावा विभिन्न कार्यक्रमों के अवसर पर जनप्रतिनिधियों के द्वारा अलग-अलग तरह के विकास कायों के लिए भारी भरकम राशि उपलब्ध कराई गई है और घोषणाओं का दौर चुनाव की आचार संहिता लगने के पहले तक जारी रहने की संभावना है. पांच साल का लंबा समय गुजरने के बाद भी कटघोरा में भारत माता मंदिर की पूर्णता को लेकर किसी प्रकार की घोषणा या सहयोग न करना जनप्रतिनिधियों के दोगलेपन को दर्शाता है.