छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने विधानसभा चुनाव के पहले प्रदेश अध्यक्ष बदल दिया है. विष्णुदेव साय की जगह बिलासपुर से लोकसभा सांसद अरुण साव को बीजेपी ने प्रदेश अध्यक्ष की कमान दी है. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अरुण साव को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के लिए नियुक्ति दे दी है. इसके लिए मंगलवार को नियुक्ति पत्र भी जारी कर दिया गया है.
बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष सांसद अरुण साव
दरअसल पिछले एक सप्ताह से बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व के बीच छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष के लिए मंथन चल रहा था. इसकी राजनीतिक गलियारों में खूब चर्चा भी चल रही थी कि आखिर किसे विधानसभा चुनाव के पहले प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी जाएगी. फिलहाल मंगलवार को नियुक्ति पत्र जारी कर दिया गया है. अब छत्तीसगढ़ में अरुण साव के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ बीजेपी आगामी विधानसभा चुनाव में चुनावी मैदान में उतरेगी.
कौन है अरुण साव?
अरुण साव के राजनीतिक जीवन को देखा जाए तो सांसद बनने से पहले उनकी कोई भी राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं रही है. छत्तीसगढ़ के सभी सांसद प्रत्याशी को बदलाव के बाद बिलासपुर से अरुण साव को प्रत्याशी बनाया गया था. उन्होंने 2019 लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ के कांग्रेस दिग्गज नेता अटल श्रीवास्तव को भारी मतों से हराया था. खास बात ये भी है की इससे पहले अरुण साव बीजेपी के संगठन में कोई जिम्मेदारी में नहीं थे. हाइकोर्ट के वकील के रूप प्रैक्टिस कर रहे थे साथ ही वे आरएसएस जुड़े हुए हैं.
कांग्रेस ने कहा -भाजपा की आदिवासी विरोधी सोच
आदिवासी नेता विष्णुदेव साय को बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया जाने पर कांग्रेस ने निशाना साधा है. छत्तीसगढ़ कांग्रेस के संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि बीजेपी ने विष्णुदेव साय को हटाना पार्टी का अपना निर्णय है, लेकिन विश्व आदिवासी दिवस के दिन आदिवासी नेता विष्णुदेव साय को हटाना भाजपा की आदिवासी विरोधी सोच को दर्शाता है. कम से कम आदिवासी दिवस के दिन विष्णुदेव साय को नहीं हटना चाहिए था.
क्या नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक भी हटाए जा सकते हैं ?
क्या छत्तीसगढ़ बीजेपी के संगठन में बदलाव जारी रहेगा ? ये एक सवाल इसलिए क्योंकि राजनीतिक समीकरण को ठीक बिठाने के लिए संगठन में सभी वर्गो को जगह दी जाती है. लेकिन बिलासपुर के कुर्मी समाज से आने वाले अरुण साव को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है और बिलासपुर जिले के ही बीजेपी नेता धरमलाल कौशिक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं. ऐसे में अब ये चर्चा भी शुरू हो गई है की क्या कौशिक को भी बीजेपी नेता प्रतिपक्ष के पद से हटा सकती है ? कहा ये भी जा रहा है चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ बीजेपी के संगठन में कई बड़े बदलाव हो सकते हैं.