National Defense Academy: अगर हौसले बुलंद हो और कुछ कर गुजरने की ख्वाइश हो तो कोई भी लक्ष्य को पाना मुश्किल नहीं होता है. कुछ ऐसा ही कारनामा भिलाई के रिसाली सेक्टर में रहने वाले देवेंद्र साहू ने कर दिखाया है. देवेंद्र की उम्र महज 17 साल की है. देवेंद्र जिला प्रशासन द्वारा डीएमएफ मद से संचालित राष्ट्रीय रक्षा एकादमी (NDA) में निशुल्क कोचिंग करके महज 17 साल की उम्र में ही इंडियन नेवी में सब लेफ्टिनेंट के पद के लिए चयनित हुए हैं.
ऐसे बच्चे जो इंडियन नेवी में जाने के लिए तैयारी करना चाह रहे हैं तो ऐसे बच्चों के लिए जिला प्रशासन के द्वारा निशुल्क कोचिंग संचालित किया गया है. इसी कोचिंग में निशुल्क शिक्षा लेकर आज इतनी कम उम्र में ही इंडियन नेवी के सब लेफ्टिनेंट पद पर देवेंद्र साहू का चयन हुआ है.
निःशुल्क कोचिंग दी जाती है
देवेंद्र का कहना है कि मैं इंडियन नेवी की तैयारी करना चाह रहा था, लेकिन प्राइवेट कोचिंग संस्थाओं की फीस इतनी ज्यादा थी कि मैं समझ नहीं पा रहा था कि मैं क्या करूं? ऐसे में जिला प्रशासन के द्वारा निशुल्क राष्ट्रीय रक्षा अकादमी कोचिंग के बारे में सुना और मैंने यहां से कोचिंग करना शुरू किया. यहां के टीचरों ने मुझे सही मार्गदर्शन दिया और क्या पढ़ें और क्या ना पढ़े को लेकर उनको जानकारी दी. इन्हीं वजह से आज मैंने यह मुकाम हासिल किया है. जुलाई में देवेंद्र साहू इंडियन नेवी के सब लेफ्टिनेंट पद के लिए ज्वाइन करेंगे.
कड़ी मेहनत से राह हुआ आसान
देवेंद्र ने बताया कि एनडीए के लिए तैयारी करने के समय वो काफी कन्फ्यूज था. बहुत सी किताबें थीं, बहुत सा मटेरियल था. सौभाग्य यह हुआ कि इसी समय कोचिंग आरंभ हुई और कोचिंग में यह बताया गया कि क्या पढ़ना है क्या नहीं पढ़ना है. देवेंद्र ने बताया कि मेरी सफलता का श्रेय इस बात को है कि मुझे कोचिंग में पता चल गया था कि क्या पढ़ना सही होता है. फिर मेरी मुश्किल आसान हो गई. मैंने कड़ी मेहनत की और सफल हो गया. अब मैं पुणे जा रहा हूं. वहां से ट्रेनिंग के बाद इंडियन नेवी में देश की रक्षा करूंगा. देवेंद्र अभी सत्रह साल के हैं. वे शकुंतला विद्यालय के छात्र हैं. उनके पिता प्राइवेट जॉब में हैं और मां हाउस वाइफ है.
जिला प्रशासन द्वारा निःशुल्क दी जाती है शिक्षा
उल्लेखनीय है कि कोचिंग सितंबर माह में कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे के मार्गदर्शन में आरंभ हुई. इसके पीछे अपर कलेक्टर नूपुर राशि पन्ना का भी बड़ा योगदान रहा. वे नियमित रूप से कक्षाओं की मानिटरिंग करती रहीं और समय-समय पर बच्चों को मोटिवेट भी करती रहीं. यह कोचिंग सेक्टर 6 में संचालित हो रही है. जिला प्रशासन द्वारा ही देवेंद्र साहू को एसएसबी प्रशिक्षण के लिए देहरादून भेजा गया था. वहां से उसकी राह आसान होती गई. अभी एनडीए की द्वितीय बैच संचालित हो रही है.
छत्तीसगढ़ का पहला जिला है दुर्ग
उल्लेखनीय यह भी है कि दुर्ग प्रदेश का पहला जिला है जहां एनडीए के लिए छात्राओं की कोचिंग भी सबसे पहले आरंभ हुई. एनडीए की कोचिंग की व्यवस्था हो जाने और इसकी लगातार मॉनिटरिंग की वजह से इस क्षेत्र में सपने पूरे करने की दिशा में प्रतिभागियों की राह खुल गई है.
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