Chhattisgarh Paddy MSP Controversy: छत्तीसगढ़ में धान खरीदी सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा माना जाता है. 2018 में कांग्रेस किसानों का कर्ज माफी कर सत्ता की कुर्सी में पहुंची. हालांकि 2023 के विधानसभा चुनाव के ठीक पहले फिर से धान खरीदी पर छत्तीसगढ़ में सियासत शुरू हो गई है. इस बार केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ से केंद्रीय पूल में चावल लेने का कोटा बढ़ा दिया है. इस पर बीजेपी ने सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार को चुनौती दी है, तो दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाये हैं. 


दरअसल, शनिवार (12 अगस्त) को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर में मीडिया बात की. केंद्र सरकार द्वारा चावल का कोटा बढ़ाए जाने के पीछे की वजह बताते हुए सीएम बघेल ने दावा किया कि केंद्र की बीजेपी सरकार पर अपने मित्रों (बीजेपी के मित्रों) को फायदा पहुंचाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने दावा किया कि देश और विदेश में अनाज की कमी आ गई है. इस लिए केंद्र सरकार पूरा अनाज खरीद रही है. लेकिन इसे केंद्र सरकार अपने मित्रों को विदेशों में बेचकर मुनाफा कमाने के लिए देने वाली है.  


भारत सरकार छत्तीसगढ़ से 86.5 लाख टन चावल खरीदेगी


केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ से 86.5 लाख टन चावल खरीदने का फैसला लिया है. इससे राज्य की लगभग 1 लाख 30 हजार मिट्रिक टन धान की खपत होगी. वहीं राज्य में पिछले खरीफ वर्ष में केवल 1 लाख 7 हजार मिट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी. इस बार सरकार ने भी धान खरीदी का लक्ष्य 1 लाख 25 हजार मिट्रिक टन रखा है. वहीं किसानों से प्रति एकड़ 15 क्विंटल की जगह 20 क्विंटल खरीदने का भी कांग्रेस सरकार ने घोषणा किया है. इससे केंद्र की डिमांड तो लगभग पूरी हो जाएगी और राज्य के 24 लाख से अधिक किसानों को फायदा होगा. 


'देश विदेश में अनाज की कमी से बीजेपी के मित्रों को मिलेगा फायदा'


प्रदेश के किसानों को साधने के लिए चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस और बीजेपी एड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं. सीएम भूपेश बघेल ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब हम 30 लाख मीट्रिक टन चावल खरीद की मांग लेकर जाते थे, तब वो (केंद्रीय मंत्री) मना करते थे.आज 86 लाख मीट्रिक टन चावल ले रहे हैं. इसके पीछे उद्देश्य ये है कि देश में और विदेश के बाहर अनाज की बड़ी कमी हो गई है. इस लिए पूरा अनाज खरीद लेना चाहते हैं. उसके बाद उनके मित्र है वो बाहर में पैसा कमाकर बेचेंगे.


धान खरीदी के लिए केंद्र सरकार 80% पैसा देती है- बृजमोहन अग्रवाल


इससे पहले बीजेपी के पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, 'हमारे मुख्यमंत्री दावा करते हैं कि छत्तीसगढ़ में हम धान खरीदी करते हैं, लेकिन राज्य सरकार ने केवल 24 हजार करोड़ रुपए इस पर खर्च किया है.' उन्होंने दावा किया कि भारत सरकार ने पिछले 5 साल में 75 हजार करोड़ रुपए छत्तीसगढ़ के किसानों को दिया है. यानी किसानों को धान बिक्री के लिए पीएम मोदी की सरकार 80 फीसदी पैसा देती है. अब चावल उठाव की क्षमता बढ़ गई तो सीएम भूपेश बघेल को 150 लाख टन धान खरीदी करनी चाहिए. बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि 'खुद किसान हितैषी बताते हैं तो अपने पैसे से ही 3 हजार रुपए प्रति क्विंटल में धान की खरीदी करें.'


धान के एमएसपी पर है छत्तीसगढ़ में विवाद


गौरतलब है कि किसानों को धान बिक्री के लिए मिलने वाले एमएसपी पर छत्तीसगढ़ में विवाद है. केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित एमएसपी पर प्रदेश की कांग्रेस सरकार धान की खरीदी करती है. इसके अलावा राज्य सरकार किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत प्रति एकड़ 9 हजार रुपए सब्सिडी देती है. इस पर बीजेपी का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा तय एमएसपी में थोड़े पैसे जोड़ कर कांग्रेस सरकार 2500 रुपए प्रति क्विंटल में धान खरीदी करने का दावा करती है. इसमें से 80 फीसदी पैसा केंद्र सरकार देती है. बीजेपी ने एक आंकड़ा देते हुए बताया है कि जब 2018-19 में एमएसपी 1760 रुपए थी तब राज्य सरकार 2500 रुपए में धान खरीदती थी. अब जब एमएसपी 2184 रुपए हो गई है तो कांग्रेस सरकार को 2924 रुपए में धान की खरीदी करनी चाहिए, लेकिन अभी भी राज्य सरकार 2640 रुपए में धान खरीदी कर रही है.


ये भी पढ़ें: Chhattisgarh: नक्सलगढ़ के युवाओं ने 'हर घर तिरंगा' अभियान पर बनाया वीडियो, नक्सल मुक्त बस्तर का दिया संदेश