Korba News: छत्तीसगढ़ के औद्योगिक जिला कोरबा के वनांचल में रहने वाले ग्रामीण तेंदूपत्ता को हरा सोना मानते हैं. गर्मी के दिनों में जब उनके पास खेतों में कोई काम नहीं होता तब इसी तेंदूपत्ता यानी हरे सोना का संग्रहण कर वे पैसा कमाते हैं. तेंदूपत्ता के प्रति मानक बोरे की दर में हुई वृद्धि ने वनांचल में रहने वाले ग्रामीणों के जीवन में खुशियां जगा दी हैं. राज्य सरकार द्वारा तेंदूपत्ता प्रति मानक बोरे की राशि 4 हजार रुपए की गई है, जिससे इन ग्रामीणों के चेहरे खिल उठे हैं, अब वे और अधिक उत्साह के साथ तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य कर रहे हैं.
ढाई से चार हजार रुपए हुई कीमत, तेंदूपत्ता संग्राहकों के चेहरे खिले
कोरबा विकासखंड के ग्राम कोरकोमा की सुखमिन बाई और कला कुंवर, वृंदा बाई वर्षों से तेंदूपत्ता संग्रहण कर उसे समिति में बेचने का कार्य कर रही हैं. एक सीजन में 3 से 5 हजार रुपए तक कमाई करने वाली इन संग्राहिकाओं का कहना है कि वे सुबह से शाम तक पत्ते तोड़कर उसका बंडल बनाती हैं, फिर फड़ में ले जाकर बेच आती हैं. उनका अधिकांश समय वन में ही गुजरता है. मुख्यमंत्री द्वारा 2500 रुपये प्रति बोरा राशि की दर को 4 हजार रुपए किए जाने पर खुशी जताते हुए सुखमिन बाई ने कहा कि इससे उनके जैसे तेंदूपत्ता संग्राहकों को अच्छा मुनाफा होगा.
ग्राम कोरकोमा की रहने वाली बिसाहीन बाई, गीता बाई, सुखो बाई, ननकी बाई का कहना है कि वह कई साल से तेंदूपत्ता तोड़ने का कार्य कर रही हैं. उन्होंने कहा कि तेंदूपत्ता की कीमत बढ़ने से उन्हें और उनके जैसे गरीब संग्राहकों को खूब फायदा होगा. कुदमुरा के राजकुमार ने बताया कि वह मजदूरी के साथ-साथ तेंदूपत्ता संग्रहण का काम कई वर्षों से करते आ रहे हैं. गांव में तेंदूपत्ता संग्रहण से गर्मी के दिनों में कुछ कमाई हो जाती है. एक-एक पत्ते को तोड़कर बंडल बनाने में मेहनत लगती है. शासन ने संग्राहकों के परिश्रम को देखचे हुए राशि बढ़ाई है जो सराहनीय है.
82 समितियों से होता है संग्रहण
कोरबा जिले में तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य अप्रैल-मई से प्रारंभ हो जाता है. जिले में 82 प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों के जरिये इसका संग्रहण किया जाता है. इनमें कोरबा वनमण्डल में 38 एवं वनमण्डल कटघोरा वनमण्डल के 44 समितियां शामिल हैं. कोरबा वनमण्डल के अंतर्गत वर्ष 2023 में लगभग 43 हजार 822 मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहित कर 17 करोड़ 52 लाख 89 हजार रुपये का भुगतान किया गया. यहां 34590 तेंदूपत्ता संग्राहक हैं. कटघोरा वन मंडल में इस वर्ष में 58 हजार 688 मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहित किया गया. इस तरह जिले में एक लाख 13 हजार 560 मानक बोरा तेंदूपत्ता का संग्रहण किया गया.
तेंदूपत्ता बना अतिरिक्त आमदनी का जरिया
ग्रामीणों ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए प्रति मानक बोरा दर 25 सौ से बढ़ाकर चार हजार रुपये किए जाने से संग्राहकों को राहत मिल रही है. संग्राहक सुखो बाई ने बताया कि गांव के पास ही पहाड़ है. आसपास के क्षेत्र में तेंदूपत्ता संग्रहण आसानी से हो जाता है. उन्होंने यह भी बताया कि गर्मी के दिनों में कई घरों में शादी विवाह होता है. ग्रामीणों के पास अतिरिक्त आमदनी का जरिया नहीं होता, ऐसे में तेंदूपत्ता संग्रहण से बहुत सहूलियत होती है. तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य से जो उन्हें अतिरिक्त राशि मिलती है उससे उन्हें बहुत लाभ होता है. तेंदूपत्ता संग्राहकों ने कीमत बढ़ाने को लेकर राज्य सरकार का धन्यवाद किया.
यह भी पढ़ें:
Chhattisgarh: साढ़े 6 लाख रुपये के गांजे के साथ पुलिस ने तस्कर को किया गिरफ्तार, एक कार भी बरामद