Koriya News: छत्तीसगढ़ के पहले वित्त मंत्री कोरिया कुमार के नाम से विख्यात डॉ रामचंद्र सिंहदेव (Dr. Ramchandra Singhdev) की जयंती पर सोमवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) कोरिया जिला मुख्यालय बैकुंठपुर (Baikunthpur) पहुंचे. उन्होंने बैकुंठपुर के घड़ी चौक पर स्थापित डॉ सिंहदेव की प्रतिमा का अनावरण किया. इसके बाद इस चौक को कोरिया कुमार (Korea Kumar) को समर्पित कर दिया गया. 


विकास कार्यों का किया भूमि पूजन
इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जिले में विभिन्न विकास कार्यों का भूमिपूजन किया गया. इनमें नगर पालिका परिषद बैकुंठपुर के लिए 7.63 करोड़, नगर पालिका परिषद शिवपुर-चरचा के लिए 2.86 करोड़ के विभिन्न विकास कार्यों और 50 लाख की लागत के बैकुण्ठपुर सर्व आदिवासी समाज सामुदायिक भवन सहित कुल 10.99 करोड़ के विकास कार्यों का भूमिपूजन शामिल है.


सीएम ने कोरिया कुमार को किया नमन 
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर डॉ रामचंद्र सिंहदेव के साथ बीते राजनीतिक और व्यक्तिगत जीवन के अनुभव साझा किए. उन्होंने डॉ सिंहदेव के बहुआयामी व्यक्तित्व का परिचय दिया. कुशल राजनीतिज्ञ, बेहतरीन जल प्रबंधन, कल्याणकारी योजना, आर्थिकी के उन्नत स्वरूपों पर निरन्तर चिंतन, जनहित के मुद्दों पर उनकी विशेष सक्रियता के साथ ही फोटोग्राफी, पुस्तक लेखन में उनकी अभिरुचि के बारे में उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने उन्हें सादर नमन किया.


कार्यक्रम में ये हुए शामिल
इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत, गृह, लोक निर्माण एवं जिले के प्रभारी मंत्री ताम्रध्वज साहू, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम, संसदीय सचिव, बैकुंठपुर विधायक अंबिका सिंहदेव, भरतपुर-सोनहत विधायक गुलाब कमरो, सीजीएमएससी व मनेन्द्रगढ़ विधायक डॉ विनय जायसवाल सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक व अन्य शामिल रहे. 


कोरिया कुमार के नाम से थे विख्यात
कोरिया कुमार के नाम से विख्यात स्व डॉ रामचंद्र सिंहदेव का जन्म जिला मुख्यालय बैकुंठपुर में 13 फरवरी 1930 को हुआ था. डॉ सिंहदेव 1967 से 2000 तक अविभाजित मध्य प्रदेश में विधानसभा के सदस्य, मंत्री और राज्य योजना मंडल के उपाध्यक्ष रहे. छत्तीसगढ़ बनने के बाद वे राज्य के पहले वित्त मंत्री बने. उनकी स्कूली शिक्षा राजकुमार कॉलेज रायपुर और उच्च शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय में हुई, जहां से उन्होंने रसायनशास्त्र में एमएससी और समाजशास्त्र में पीएचडी की उपाधियां प्राप्त कीं. उनकी अभिरुचि फोटोग्राफी, पुस्तक लेखन में रही. उनकी सिंचाई, योजना, आर्थिकी के उन्नत स्वरूपों पर निरन्तर चिंतन, जनहित के मुद्दों पर आयोजित विभिन्न राष्ट्रीय सेमीनार में सक्रिय हिस्सेदारी रही. जर्मनी स्थित अंतरराष्ट्रीय संस्था के द्वारा कुशल जल प्रबंधन के लिए उन्हें सम्मानित भी किया गया.


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