छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने रविवार को भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर निशाना साधते हुए उन पर " भगवान राम की सौम्य छवि" को रेम्बो जैसी बनाने और हनुमान को क्रोध के प्रतीक में बदलने का आरोप लगाया.


द इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में सीएम बघले ने कहा कि, “भारत "उत्तेजक और आक्रामक राष्ट्रवाद" के दौर से गुजर रहा है. अप्रैल में पूरे भारत से सांप्रदायिक संघर्ष की खबरें सुनने को मिली थी - जिसमें "असहमति " के लिए कोई जगह नहीं बची. उन्होंने कहा कि यह दौर भी बीत जाएगा और कांग्रेस वापसी करेगी.


राम हर भारतीय के दिल और दिमाग में रहते हैं- बघेल


बघले ने कहा कि, राम हमारी संस्कृति में समाए हुए हैं. राम साकार और निराकार दोनों हैं... हमने राम को विभिन्न रूपों में स्वीकार किया है. हम कबीर के राम, तुलसी के राम और शबरी के राम को जानते हैं. राम हर भारतीय के दिल और दिमाग में रहते हैं. भाजपा कार्यकर्ताओं ने राम को एक रूप में स्वीकार किया है, किसान उन्हें दूसरे रूप में देखते हैं, आदिवासी एक और रूप देखते हैं, बुद्धिजीवी और भक्त उन्हें दूसरे रूप में देखते हैं. ”


भाजपा और आरएसएस ने भगवान राम को लड़ाकू रेम्बो बना दिया है- बघेल


उन्होंने आगे कहा, "महात्मा गांधी ने भी राम को देखा था. उनके अंतिम शब्द 'हे राम' थे और वे रघुपति राघव राजा राम का पाठ करते थे. वह राम जो 'मर्यादा पुरुषोत्तम' थे, जो हर भक्त के दिलों में प्रेम के प्रतीक के रूप में रहते हैं, उन्हें आज भाजपा और आरएसएस ने एजेंडा तय कर लड़ाकू रेम्बो बना दिया जा रहा है (वे उसे रेम्बो में बदल रहे हैं). हनुमान नम्रता, भक्ति और ज्ञान के प्रतीक हैं लेकिन आज उनके अक्रामक पोस्टर नजर आते हैं. यदि आप हनुमान के पुराने चित्रों को देखें, तो भगवान बहुत सुंदर थे, भक्ति से ध्यान मुद्रा में थे और आज, क्रोधित और आक्रामक रूप पेश किया जा रहा है. जिस तरह से वे समाज की मानसिकता को स्थापित कर रहे हैं... पहले राम के साथ किया और अब हनुमान के साथ कर रहे हैं. हमारा राम कबीर और तुलसी का है, आदिवासियों, किसानों और श्रमिकों के राम सौम्य हैं और सर्वव्यापी हैं.


बघेल सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक राम वन गमन पर्यटन परिपथ या एक पर्यटन सर्किट है जिसकी परिकल्पना उस मार्ग को मैप करने के लिए की गई है जिसे भक्तों का मानना ​​है कि देवता ने अयोध्या से अपने निर्वासन के दौरान चुना था.


मुख्यमंत्री ने भाजपा पर कटाक्ष किया
मुख्यमंत्री ने भाजपा पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि उनके राष्ट्रवाद के विचार को आयात किया गया था. सीए ने कहा कि, "मुसोलिनी से कौन मिला? वो थे बीएस मुंजे... ड्रम, कैप, सब कुछ इम्पोर्ट किया जाता है. उनके राष्ट्रवाद के मॉडल में असहमति के लिए कोई जगह नहीं है. हमारा राष्ट्रवाद अलग है. हमारी शुरुआत से ही परंपराओं में निहित है, जोकि शंकराचार्य, कबीर, गुरु नानक, रामकृष्ण परमहंस की पसंद द्वारा विकसित है."


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