Rajasthan News: ऐसे में जब विधानसभा के चुनावों को कुछ महीनों का समय शेष रह गया है, राजस्थान कांग्रेस (Congress) में एक बार फिर से अंतर्कलह उभरकर सामने आई है. सीएम गहलोत और सचिन पायलट के बीच मतभेद समाप्त होने का नाम ही नहीं ले रहा है. सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीएम गहलोत (Ashok Gehlot) पर जमकर निशाना साधा है. हालांकि पायलट के प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीएम गहलोत पर निशाना साधने के कुछ घंटे बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) अशोक गहलोत के समर्थन में उतर आए हैं.


'गहलोत सुलझे हुए नेता, मामले को सुलझा लेंगे'
मीडियाकर्मियों से बातचीत में भूपेश बघेल ने कहा कि अशोक गहलोत बहुत ही सुलझे हुए नेता हैं, पहले भी उनके रास्ते में ऐसी कई परेशानियां आईं. उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि वह इस मुद्दे को भी सुलझा लेंगे.


पायलट ने की भ्रष्टाचार की जांच की मांग
बता दें कि रविवार को सचिन पायलट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीएम गहलोत के खिलाफ एक दिन का उपवास रखने का एलान किया है. उन्होंने मांग की कि सीएम को वसुंधरा राजे के कार्यकाल में हुए कथित भ्रष्टाचार की जांच करानी चाहिए. सचिन पायलट ने अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार को लोगों को यह भरोसा दिलाना चाहिए था कि वह 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले किए गए वादों पर अमल कर रही है.  उन्होंने दावा किया कि सरकार ने आबकारी माफिया, अवैध खनन, भूमि अतिक्रमण और ललित मोदी हलफनामे मामले से निपटने के लिए कुछ नहीं किया.


'मामले में जल्द हो कार्रवाई'
उन्होंने कहा कि चुनाव में 6 से 7 महीनों का समय बाकी. हमारे विरोधी हम पर मिलीभगत का आरोप लगा सकते हैं ऐसे में जल्द कार्रवाई होनी चाहिए ताकि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को लगे की हमारी कथनी और करनी में फर्क नहीं है.


'हमारे पास सारे सबूत फिर कार्रवाई क्यों नहीं हुई'
सचिन पायलट ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीएम गहलोत की उन वीडियो को भी दिखाया जिसमें वे वसुंधरा राजे पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं. इसको लेकर पायलट ने कहा कि इन आरोपों की जांच क्यों नहीं की गई. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास पिछली सरकार के खिलाफ सबूत भी थे लेकिन फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई.


कांग्रेस नेता ने कहा कि जनता से किये गए वादों को पूरा किए बगैर हम चुनाव नहीं लड़ सकते. हमारे पास सबूत हैं, हमें एक्शन लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि चुनावों को लेकर आदर्श आचार संहिजा जल्द लागू होगी, इसलिए हमें जल्दी ही कुछ करना होगा. हमें लोगों को जवाब देना होगा. 


यूं ही नहीं है पायलट और गहलोत के बीच ये लड़ाई
बता दें पायलट और गहलोत के बीच की यह लड़ाई कुर्सी की लड़ाई है, जिसे पायलट विचारधारा की लड़ाई का नाम देने की कोशिश में लगे हुए हैं. दरअसल साल 2018 में जब कांग्रेस चुनाव जीती थी तो पार्टी के नेतृत्व ने कथित तौर पर पायलट से कहा था कि वह पांच साल के कार्यकाल में ढाई साल मुख्यमंत्री रहेंगे लेकिन ऐसा कभी हो न सका. पायलट शायद इसी बात से गहलोत से नाराज चल रहे हैं.


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