छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी ) पर निशाना साधते हुए दावा किया कि रविवार को यहां संपन्न कांग्रेस के अधिवेशन में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापे के जरिए बाधा डालने में विफल रहने के बाद कार्यक्रम का प्रबंधन करने वाले एक व्यवसायी को निशाना बनाया जा रहा है. बघेल ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी खीझ और राजनीतिक दुर्भावना में हदें पार कर रही है.


मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा है, 'खीझ और राजनीतिक दुर्भावना में बीजेपी हदें पार कर रही है. मेरे साथियों के घर ईडी के छापे से महाधिवेशन नहीं रोक पाए तो शनिवार को अधिवेशन का प्रबंधन संभाल रहे कारोबारी के घर पहुंच गए.’ बघेल ने ट्वीट में कहा, ''उन संदिग्ध लोगों ने अपने को ईडी का अधिकारी बताया लेकिन न अपना परिचय पत्र दिखाया न कोई वारंट. धमकियां दीं. बीजेपी के आरोपों के जवाब मांगे. और फिर आने की बात कहकर चले गए.''


मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है, ''लाख कोशिशें कीं लेकिन कांग्रेस का महाधिवेशन किसी भी तरह नहीं रोक पाए. तानाशाही का चेहरा बेनक़ाब हो गया है. लेकिन हम न डरे हैं न डरेंगे. #लड़ो_और_जीतो.'' हालांकि मुख्यमंत्री ने अपने ट्वीट में यह नहीं बताया है कि कथित ईडी के अधिकारी किस कारोबारी के घर पहुंचे ​थे.


अधिकारियों के मुताबिक ईडी ने कोयला लेवी धन शोधन मामले की चल रही जांच के तहत पिछले हफ्ते कांग्रेस पार्टी के नेताओं से जुड़े परिसरों सहित छत्तीसगढ़ में कई स्थानों पर छापेमारी की थी. ये छापे नवा रायपुर में 24 से 26 फरवरी तक आयोजित कांग्रेस के तीन दिवसीय महाधिवेशन से पहले मारे गए थे.


बघेल ने छापेमारी को राजनीति से प्रेरित कदम बताया था और दावा किया था कि बीजेपी  कांग्रेस से डरी हुई है और राजनीतिक विरोधियों की आवाज को कुचलने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है.


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