Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बीजापुर (Bijapur) जिले में बीते सप्ताह भर से हो रही मूसलाधार बारिश से अंदरूनी क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल इंद्रावती नदी बारिश की वजह से पूरे उफान पर है और इस नदी के पानी से आसपास के कई गांव बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं. यहां एक कांडला नामक गांव पूरी तरह से डूब गया है, जिसके चलते इस गांव के करीब 40 से 50 परिवार जान बचाने के लिए पहाड़ी का सहारा लिए हुए हैं. लगातार बारिश की वजह से कई ग्रामीण भी बीमार हो गए हैं. इनके पास खाने पीने के सामान, दवाइयां जैसे जरूरी सामान भी नहीं हैं. पिछले कुछ दिनों से करीब 120 से ज्यादा ग्रामीण पहाड़ी इलाके में तंबू गाड़कर रह रहे हैं और पानी उतरने का इंतजार कर रहे हैं.


ग्रामीण हो रहे बीमार
ग्रामीणों ने बताया कि लगातार बारिश होने की वजह से नदी का पानी बढ़ता चला गया लेकिन लगा नहीं था कि उनका गांव ही पूरा डूब जाएगा. गांव में रहने वाले सभी ग्रामीण इकट्ठा हुए और जो हाथ में आया उसे घर से लेकर निकल गए. इंद्रावती नदी उफान पर होने के चलते शहरी क्षेत्र के तरफ आना भी मुश्किल था, इसलिए सभी गांव छोड़कर पहाड़ की तरफ चले गए. इक्का-दुक्का ग्रामीणों ने अपने साथ राशन सामान, त्रिपाल और थोड़े बहुत कपड़े रख लिए थे लेकिन अब राशन खत्म हो गया है और कई युवा और बुजुर्ग बीमार भी हो रहे हैं जिससे सभी ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. 


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हालात बेकाबू हुए
ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कुछ सालों की तुलना में इस बार उनके जिले में कुछ ज्यादा बारिश हुई है. इस वजह से हालात बेकाबू हो गए हैं. हालांकि कुछ ग्रामीणों ने अपने साथ मोबाइल फोन भी रखा हुआ था लेकिन जिस जगह उन्होंने पहाड़ी में अपना डेरा जमाया है वहां नेटवर्क नहीं मिल पा रहा था. जैसे तैसे नेटवर्क मिलने के बाद ग्रामीणों ने दूसरे गांव में रह रहे अपने रिश्तेदारों को बाढ़ की वजह से पहाड़ी  में फंसे होने की जानकारी दी.




विधायक-कलेक्टर ने की मदद
जिला प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों तक यह जानकारी किसी तरह पहुंची. जानकारी मिलने के बाद बीजापुर के विधायक विक्रम मंडावी और कलेक्टर राजेंद्र कटारा अपनी टीम के साथ ग्रामीणों निकल पड़े और कई किलोमीटर पैदल चलकर और ट्रैक्टर के सहारे नदी किनारे पहुंचे. इसके बाद मोटर बोट के सहारे नदी पार किया. विधायक और कलेक्टर के पहुंचने पर ग्रामीणों को थोड़ी उम्मीद बंधी. उन्होंने ग्रामीणों को मौके पर राशन और जरूरी सामान के साथ दवाइयां दीं. 




बीजापुर में भारी तबाही
वहीं इस दौरान दो ग्रामीण गंभीर रूप से बीमार दिखे जिन्हें मोटर बोट में नदी पार कर अस्पताल लाया गया और यहां भर्ती कराया गया. इधर पहाड़ में फंसे सभी ग्रामीण अब पानी उतरने का इंतजार कर रहे हैं. फिलहाल बारिश कब रुकेगी इसकी कोई जानकारी नहीं है. वहीं इंद्रावती के अलावा गोदावरी नदी के पानी ने भी बीजापुर में तबाही मचाई है. भोपालपटनम ब्लाक के अधिकांश गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं और तारलागुड़ा गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. बीजापुर निवासियों की मुश्किले हर दिन बढ़ती ही जा रही हैं.




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