Bijapur Naxal Attack News: बीजापुर (Bijapur) जिले में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में क्रॉस फायरिंग में छह महीने की मासूम की मौत के मामले में गठित कांग्रेस की जांच टीम बिना जांच किए ही वापस लौट आई. जांच टीम के सदस्यों का कहना है कि सुरक्षा बलों ने उन्हें उस गांव तक जाने ही नहीं दिया, जहां गोली लगने से मासूम की मौत हुई थी. ऐसे में घटना की जांच नहीं हो पाई. कांग्रेसियों ने बताया कि सुरक्षा बल के जवानों ने सुरक्षा कारणों और उस मार्ग पर जगह-जगह आईईडी मौजूद होने की आशंका की वजह से कांग्रेस की टीम को मृतक बच्ची के गांव मुतवेंडी जाने से रोक दिया.
हालांकि जांच टीम को कावड़गांव तक जाने की इजाजत मिली, जहां बड़ी संख्या में मुतवेंडी गांव के ग्रामीण भी मौजूद रहे. जांच टीम ने उनसे बात की और उनके बयान दर्ज किए, लेकिन मुतवेंडी गांव तक नहीं पहुंच पाने की वजह से कांग्रेस की जांच टीम खाली हाथ ही वापस लौट आई. जांच टीम के संयोजक और बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी ने बताया कि कांग्रेस की पांच सदस्यीय जांच टीम बीते एक जनवरी को मुतवेंडी में हुए कथित पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में हुई मासूम बच्ची की मौत के मामले में जांच के लिए घटनास्थल के लिए निकली थी, लेकिन सुरक्षा बलों को टीम ने आधे रास्ते में ही रोक लिया और सुरक्षा कारणों का हवाला दिया.
विधायक विक्रम मंडावी ने क्या बताया
उन्होंने बताया कि हालांकि पुलिस के आला अधिकारियों से लंबी चर्चा के बाद जांच दल को कावड़गांव तक जाने दिया गया, जहां मुतवेंडी और आस-पास के गांव के ग्रामीण बड़ी संख्या में जुटे थे. ये ग्रामीण अपनी बात जांच दल के सामने रखना चाहते थे. विधायक विक्रम मंडावी ने बताया कि इस दौरान जांच दल ने कुछ चश्मदीदों से बात की और उनका बयान भी दर्ज किया. चश्मदीदों ने बताया कि जिस वक्त घटना हुई थी तब वे मौके पर थे और गोली चलने की आवाज सुनते ही इधर-उधर अपनी जान बचाने के लिए भागने लगे. कुछ देर बाद गोलीबारी थमी तो उन्होंने पाया कि छह महीने की मासूम बच्ची को गोली लगी है. तभी वहां सुरक्षा बल के जवान भी पहुंचे.
'BJP की सरकार बनने के बाद लगातार बढ़ रही नक्सली हिंसा'
विक्रम मंडावी के मुताबिक, ग्रामीणों ने कांग्रेसी जांच दल को बताया कि मौके पर नक्सली भी मौजूद थे, लेकिन नक्सलियों की तरफ से गोली चली या जवानों की तरफ से यह अभी भी जांच का विषय है, जो स्पष्ट नहीं हो पाया है. जांच टीम संयोजक विक्रम मंडावी ने बताया कि मृत बच्ची के परिजनों से मुलाकात नहीं हो पाई. जानकारी मिली है कि बच्ची की मां जो इस घटना में घायल हुई थी, उसका इलाज जगदलपुर के डिमरापाल अस्पताल में चल रहा है. जल्द ही जांच टीम जगदलपुर पहुंचकर मृत बच्ची की मां से मुलाकात करेगी और इस घटना की जानकारी लेगी. साथ ही विक्रम मंडावी ने कहा कि प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने के बाद लगातार नक्सली हिंसा बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि आदिवासियों पर अत्याचार बढ़ने के साथ आगजनी की घटनाएं भी बढ़ रही हैं.
विधायक ने कहा कि जांच दल जिस गांव से ग्रामीणों का बयान दर्ज कर वापस लौटा है, वहां के ग्रामीण भी डरे सहमे हुए हैं और सुरक्षा बलों की कार्य प्रणाली पर सवाल भी उठा रहे हैं. इससे पहले भी एड़समेटा, सारकेगुड़ा गांव में फर्जी एनकाउंटर के मामले में कांग्रेस ने आवाज उठाई है. कांग्रेस की सरकार रहते इसकी जांच भी की गई है. न्यायिक जांच रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर रखी जा चुकी है, लेकिन अब देखना होगा कि बीजेपी इस रिपोर्ट को सार्वजनिक कर पीड़ितों को न्याय दे पाती है या नहीं.
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