बीजापुर में मलेरिया से 2 छात्राओं की मौत, मचा सियासी बवाल, आदिवासी समाज ने रखी मुआवजे की मांग
Bijapur News: आदिवासी समाज ने अधिकारियों की लापरवाही का आरोप लगाया है और परिजनों के लिए 50 लाख रुपये के मुआवजे की मांग की है. कांग्रेस ने भी बीजेपी सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया है.
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Bijapur Malaria Deaths: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में मलेरिया से दो छात्राओं की हुई मौत के बाद सियासी बवाल मचा हुआ है. दरअसल जिले में संचालित अलग-अलग पोटाकेबिन में दूसरी और एक तीसरी कक्षा की छात्रा की मलेरिया से मौत हो गई, इसके बाद एक तरफ जहां परिजनों ने पोटा केबिन अधीक्षक के ऊपर लापरवाही का आरोप लगाया है.
वहीं दूसरी तरफ आदिवासी समाज ने मृत छात्राओं के परिजनों को 50- 50 लाख बीजेपी मुआवजा देने की मांग की है. कांग्रेसियों ने भी बच्चियों की मलेरिया से हुई मौत को लेकर शिक्षा विभाग पर आरोप लगाते हुए लापरवाही बरतने वाले अधीक्षक पर कार्रवाई की मांग की है, और इस घटना के लिए बीजेपी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.
आदिवासी समाज ने की मुआवजा की मांग
आदिवासी समाज के प्रवक्ता सालिक नागवंशी ने कहा कि छात्राओं की मौत की जानकारी मिलने पर जिला अध्यक्ष जग्गूराम तेलामी उपाध्यक्ष अनिल पामभोई ने परिजन और पोटाकेबिन के कर्मचारियों से चर्चा की, और इस दौरान जो बात निकलकर सामने आई है वह अधिक्षिकाओ की लापरवाही को स्पष्ट करता है. यह भी पता चला है कि छात्राओं को मच्छरदानी वितरण नहीं किया गया.
नया शिक्षा सत्र शुरू होने से पहले मच्छर रोधी दवा का छिड़काव और जल निकासी सहित नालियों के मरम्मत जैसे कार्य भी नहीं किए गए. तारलागुड़ा पोटाकेबिन की छात्रा को मलेरिया बुखार में झटके आने के बाद भी इसे गंभीरता से ना लेते हुए परिजनों को बुलाकर उन्हें बच्ची को इलाज के लिए सौंप दिया गया.
वहीं संगमपल्ली पोटाकेबिन की छात्रा की भी इसी तरह लापरवाही बरतने के चलते मलेरिया से जान चली गई, आदिवासी समाज के प्रवक्ता सालिक नागवंशी ने कहा कि आदिवासी छात्रों का जीवन खतरे में मालूम पड़ता है, बिना किसी कारण के हाल ही में राजनीतिक प्रभाव के चलते पूर्व अधीक्षकों को हटाकर नए अधीक्षकों को प्रभार सौपा गया है, उन्होंने कहा कि दोनों आदिवासी छात्राओं की मौत के लिए जिम्मेदार तय कर दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए और मृतकों के परिजनों को 50-50 लाख मुआवजा दिया जाए.
छात्राओ की मौत पर मचा सियासी बवाल
इधर कांग्रेस ने भी इस घटना के लिए बीजेपी सरकार पर आरोप लगाया है, बीजापुर के विधायक विक्रम मंडावी का कहना है कि बीजेपी की सरकार बनने के बाद नई शिक्षा सत्र में सरकारी आश्रम और पोटाकेबिन में बच्चों की देखभाल सही तरह से नहीं की जा रही है, यह लापरवाही का नतीजा है कि दो छात्राओं की मलेरिया से मौत हो गई.
अगर सही समय पर बच्चियों को ईलाज मिल पाता तो उनकी जान नहीं जाती, लेकिन बीजेपी सरकार की लापरवाही है कि बीजापुर जिले में लगातार मलेरिया का प्रकोप बढ़ रहा है और लोग डायरिया के भी चपेट में आ रहे हैं, लेकिन बीजेपी सरकार में प्रशासनिक व्यवस्था पूरी तरह से फेल साबित हो रही है.
बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी के बयान पर पलटवार करते हुए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और जगदलपुर के विधायक किरण देव का कहना है कि ऐसे गंभीर विषय पर कांग्रेस को राजनीति नहीं करनी चाहिए, जिस तरह से 2 छात्राओं की मलेरिया से मौत हुई है, उसके लिए शासन प्रशासन पूरी तरह से गंभीर है, वहीं स्वास्थ्य मंत्री ने भी बीजापुर जिले में अलर्ट जारी करवाया है, लगातार मेडिकल टीम बीमार बच्चों का इलाज कर रही है और हर संभव मदद पहुंचा रही है.
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