Bijapur News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बीजापुर जिले (Bijapur) में मूसलाधार बारिश (Heavy Rain) ने कहर बनकर नाजिल हुई है. भारी बारिश के कारण उसूर ब्लॉक के धर्मागांव के सरपंच पारा के 40 मकान बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं. ग्रामीणों के घरों का सामान पानी मे बह गया है, बाढ़ में बुरी तरह से फंसी एक बीमार महिला का इलाज के अभाव में मौत हो गई है. बाढ़ में फंसे हुए लोगों को आसपास के ग्रामीणों के द्वारा रेस्क्यू कर सुरक्षित पटेल पारा में शिफ्ट किया गया है.
बताया जा रहा है कि सुकमा की तरफ से आने वाली नदी के बाढ़ की वजह से इस इलाके में जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है. यह इलाका पहुंच विहीन होने के कारण राहत और बचाव कार्य बाधित है, फिलहाल प्रशासन के द्वारा बाढ़ का पानी उतरने का इंतजार किया जा रहा है, जिसके बाद यहां फंसे ग्रामीणों को राहत शिविर में पहुंचाने का काम किया जाएगा. नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने की वजह से उसुर ब्लॉक का धर्मागांव शहरी क्षेत्र से कटा हुआ है, इसलिए यहां के ग्रामीणों को बाढ़ जैसे मुश्किल हालात में भी तुरंत मदद नहीं मिल पा रही है.
बाढ़ प्रभावितों ने प्रशासन से लगाई मदद की गुहार
बीजापुर कलेक्टर राजेंद्र कटारा का कहना है कि कोशिश की जा रही है कि यहां के लोगों को जल्द से जल्द बाहर निकाला जा सके. जानकारी मिली है कि धीरे-धीरे पानी का लेवल कम हो रहा है, ऐसे में इस इलाके में फंसे सभी लोगों को राहत शिविर में ले जाने का काम किया जाएगा. बाढ़ की वजह से करीब 40 से 45 मकानों में रखा सामान बह गया है, उनके मवेशी भी बाढ़ के पानी में बह गए हैं. इस बाढ़ में धर्मागांव के ग्रामीणों को कितना नुकसान हुआ इसका अब तक आकलन नहीं किया जा सकता है. बाढ़ प्रभावित ग्रामीणों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है.
सुकमा जिले में कोंटा नदी पूरे उफान पर
बीजापुर के अलावा सुकमा जिले के कोंटा इलाके में भी शबरी नदी पूरे उफान पर है, नेशनल हाईवे- 221 में शबरी नदी का पानी भर गया है. जिससे आवागमन प्रभावित हुआ है, इसके अलावा कोंटा ब्लॉक के कई इलाकों में शबरी नदी के बैक वाटर का खतरा मंडराने लगा है. फिलहाल समय रहते ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के हालात को देखते हुए जिला प्रशासन ने राहत शिविर तैयार कर लिया है.
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