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Bijapur: आंखों पर बांध दी थी पट्टी, खाने में दिया चावल-दाल, नक्सलियों के कैद से रिहा हुए इंजीनियर ने abp न्यूज़ को सुनाई आपबीती
Bijapur News: छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों ने अगवा किए इंजीनियर और मजदूर को मंगलवार देर रात रिहा कर दिया है. इंजीनियर अशोक पवार ने नक्सलियों द्वारा उन्हें कैसे रखा गया इसपर जानकारी दी है.
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Naxalites release kidnapped engineer and laborer: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलियों द्वारा अगवा किए गए इंजीनियर अशोक पवार और मजदूर आनंद यादव को मंगलवार देर रात नक्सलियों ने रिहा कर दिया है. रिहाई के बाद इंजीनियर अशोक पवार और मजदूर आनंद यादव कुटरु गांव में स्थित पुलिस कैंप में रात बिताया. हालांकि अब तक नक्सलियों द्वारा रिहा इंजीनियर और मजदूर अपने परिजनों से नहीं मिल पाए हैं. इधर इंजीनियर अशोक पवार ने 5 दिनों तक नक्सलियों द्वारा उन्हें कैसे रखा गया, क्या खिलाया गया और क्यों रिहा किया गया यह सारी बातें एबीपी न्यूज़ संवाददाता को बताई है.
इस शर्त पर किया रिहा
नक्सलियों के बंधक से रिहा हुए इंजीनियर अशोक पवार ने बताया कि बीते 10 फरवरी को सुबह करीब 10 बजे बेदरे इलाके में इंद्रावती नदी पर चल रहे पुल निर्माण कार्य के दौरान कंस्ट्रक्शन साइट से वे दूसरी और पॉइंट लेने गए हुए थे. इस दौरान उनके साथ मजदूर आनंद यादव भी मौजूद था. जैसे ही वह पॉइंट ले रहे थे उसी वक्त दो सादे कपड़ों में नक्सली उन दोनों के करीब पहुंचे और दोनों की आंखों में पट्टी बांधकर अपने साथ ले गए. इस दौरान उन्होंने अपने आप को बेकसूर बताते हुए छोड़ने की गुहार लगाई. लेकिन नक्सलियों ने कहा कि उनसे पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया जाएगा और किसी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा. इंजीनियर अशोक ने बताया कि अगवा के बाद से उन दोनों की रिहाई तक नक्सली ने उनकी आंखों में पट्टी बांध रखा था.
जंगलों में अपना ठिकाना बदलते रहे नक्सली
अशोक पवार ने बताया कि नक्सली उन्हें लेकर 4 दिनों तक जंगलों में ठिकाना बदल रहे थे. खाने में उन्हें दाल चावल दिया गया था. इस दौरान नक्सली जन अदालत भी लगा रहे थे और लगातार उनसे पूछताछ भी की जा रही थी. इंजीनियर अशोक ने बताया कि नक्सलियों ने उनसे घर से लेकर काम के बारे में सारी पूछताछ की और पहले अपने सूत्रों से पुष्टि कराया कि क्या वे दोनों सही बोल रहे हैं. उसके बाद नक्सली उन्हें और मजदूर आनंद यादव को यहां काम छोड़ने की चेतावनी दी. साथ ही कहा कि दोबारा इस इलाके में वह काम नहीं करेंगे. दोनों ने बताया कि इस दौरान महिला नक्सली भी वहां मौजूद थी और महिलाओं की भी आवाज सुनाई दे रही थी. हालांकि नक्सलियों ने उन्हें किसी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचाया और हर दिन वही जानकारी उनसे बार-बार लेते रहे. उन्होंने अपनी तरफ से पूरी जांच पड़ताल कराई और देखा कि वह सच बोल रहे हैं. उसके बाद उन दोनों को 15 फरवरी के दिन मंगलवार रात 9 बजे बिना किसी मध्यस्ता के उसी जगह रिहा कर दिया जहां से उन्हें नक्सलियों ने अगवा किया था.
नाराज चल रहे हैं नक्सली
नक्सलियों के चंगुल से रिहा हुए इंजीनियर अशोक पवार ने बताया कि उनके गांव से लेकर उनके घर तक नक्सलियों ने पड़ताल की जिसके बाद साफ छवि पाकर उन्हें रिहा किया गया. रिहाई के दौरान नक्सलियों ने यह हिदायत दिया कि अब वे नक्सल इलाकों में काम नहीं करें और बेदरे पुल का काम छोड़कर चले जाएं. इधर रिहा होने के बाद अब इंजीनियर और मजदूर अपने परिवार के साथ अपने घर वापस जाना चाहते हैं. नक्सलियों के द्वारा इंजीनियर के अपहरण के पीछे निर्माण कार्यों को लेकर पूछताछ की बात सामने आ रही है.
बताया यह भी जा रहा है कि इंद्रावती नदी में पुल निर्माण कर रहे निजी कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक और ठेकेदारों से नक्सली काफी नाराज चल रहे हैं. जिस वजह से काम को लेकर नक्सलियों ने इंजीनियर से सारी पुछताछ की है. फिलहाल रिहा हुए इंजीनियर और मजदूर ने स्थानीय मीडिया के साथ उनकी रिहाई के लिए अपील की गुहार लगाने वाले सभी लोगों का आभार व्यक्त किया है.
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