Chhattisgarh Politics: छत्तीसगढ़ में चुनावी साल में नक्सली लगातार बीजेपी नेताओं को टारगेट कर रहे हैं. बुधवार को नक्सलियों ने बीजापुर (Bijapur) में एक बीजेपी नेता का गला काटकर हत्या कर दी. इसके बाद से बीजेपी प्रदेश की कानून व्यवस्था पर कांग्रेस सरकार (Congress) को घेरने में जुट गई है. बीजेपी के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर (Om Mathur) ने इस हत्या को पूर्व नियोजित हत्या करार दिया है.
दरअसल, बुधवार को बीजापुर जिले के इमलीडी इलाके में नक्सलियों ने बीजेपी के एसटी मोर्चा के जिला महामंत्री काका अर्जुन (kaka Arjun)की गला काटकर हत्या कर दी. इस मामले में बीजापुर के एडिशनल एसपी चंद्रकांत गवर्णा ने बताया कि बुधवार को दोपहर 3 से 4 बजे के बीच बीजेपी नेता काका अर्जुन अपने घर से कुछ काम के लिए बाहर निकले हुए थे.
हत्या के बाद सियासत तेज
उन्होंने बताया कि इसी दौरान एक सुनसान जगह पर पहले से ही घात लगाए बैठे नक्सलियों ने काका अर्जुन को रोका और उनको अगवा कर लिया. इसके बाद कुछ दूरी पर ले जाकर उनककी हत्या कर दी. वहीं हत्या के बाद छत्तीसगढ़ में सियासत तेज हो गई है. बीजेपी ने प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठाया है. बीजेपी के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर ने कहा "अर्जुन काका की बेहरहमी से हत्या की गई. हत्या से स्पष्ट है कि चुनाव पूर्व नियोजित तरीके से बीजेपी कार्यकर्ताओं को मारा जा रहा है. प्रदेश में कानून व्यवस्था समाप्त हो चुकी है."
अरुण साव ने क्या कहा
इसके अलावा बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि एक और भाजपा सिपाही शहीद. काका अर्जुन पूर्व सरपंच थे. दिन दहाड़े सादे कपड़े में आए नक्सलियों ने उनकी हत्या कर दी. साथ ही लोगों भाजपा के लिए काम नहीं करने की धमकी दी. इसके आगे अरुण साव ने कहा कि बस्तर में लगातार भाजपा नेताओं को मारा जा रहा है. पार्टी के लिए काम करोगे तो मारे जाओगे ऐसी धमकियां देने वाले नक्सली किसके इशारे पर आतंक फैलाए हुए हैं? बस्तर में भाजपा की मजबूत स्थिति देखकर कौन बौखला रहा है? छत्तीसगढ़ गृह मंत्रालय को शून्य घोषित क्यों नहीं कर देते.
कांग्रेस ने किया पलटवार
बीजेपी के आरोपों पर कांग्रेस ने भी पलटवार किया है. कांग्रेस ने बीजेपी पर लाश पर राजनीति करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस के संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि देखिए ये घटना निश्चित तौर पर निंदनीय है, लेकिन बीजेपी लाश पर राजनीति कर अनुचित व्यवहार कर रही है. केंद्रीय गृहमंत्री आए थे तो उन्होंने नक्सली घटन कम होने का दावा किया था. अब घटना विशेष पर सवाल करना बीजेपी की राजनीतिक अवसरवादिता को दिखाता है.
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में एक बार ही टारगेट किलिंग हुई थी, जब 25 मई 2013 को कांग्रेस के 31 नेता शाहिद हो गए थे. नक्सलियों ने एक एक का नाम पूछ पूछ कर मारा था. बीजेपी के प्रदेश प्रभारी पूरा छत्तीसगढ़ घूम लिए उनको कोई मुद्दा नहीं मिला, तो लाश पर राजनीति कर रहे हैं.