Bijapur News: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलियों द्वारा अगवा किए इंजीनियर अशोक पवार और राजमिस्त्री आनंद यादव को आखिरकार मंगलवार रात 9 बजे के करीब नक्सलियों ने रिहा कर दिया है. नक्सलियों ने इन दोनों को उसी जगह से रिहा किया जहां से बीते 10 फरवरी को नक्सली उन्हें अपने साथ ले गए थे. बताया जा रहा है कि रिहाई के दौरान वहां कोई भी मौजूद नहीं था वहीं इंजीनियर अशोक की पत्नी, बच्चे और मजदूर आनंद यादव का भाई बेदरे के जंगलों में ही भटक रहे थे, ऐसे में जैसे ही उन्हें सूचना मिली कि उनके पति और मजदूर को रिहा कर दिया गया है.
उनमें खुशी की लहर दौड़ गयी, मंगलवार दोपहर को ही अशोक पवार की पत्नी सोनल पवार और उनकी 6 वर्षीय बेटी निकिता पवार के साथ ही मजदूर आनंद यादव के भाई ने सीएम और पीएम से अपील करने के अलावा नक्सलियों से रिहाई की अपील की थी, जिसके बाद आखिरकार नक्सलियों ने बिना कोई नुकसान पहुंचाए उन्हें रिहा कर दिया है, हालांकि जानकारी मिल रही है कि नक्सलियों ने कुछ शर्ते भी इंजीनियर और मजदूर के सामने रखी है, जिसमें बताया जा रहा है कि पुल निर्माण का काम बंद करने के साथ ही अंदरूनी क्षेत्रों में सड़क और पुलिया नहीं बनाने की चेतावनी नक्सलियों ने दी है. बीजापुर के एसपी कमलोचन कश्यप ने रिहाई की पुष्टि की है.
जानें क्या चेतावनी दे रहे थे नक्सली?
दरअसल नक्सली घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र बेदरे इलाके में इंद्रावती नदी पर नए पुल के निर्माण को लेकर काम बंद करने की लगातार चेतावनी दे रहे थे, जिसके बाद बीते 10 फरवरी को निर्माण कार्य का जायजा लेने पहुंचे कंस्ट्रक्शन कंपनी के इंजीनियर अशोक पवार और राजमिस्त्री आंनद यादव को नक्सलियों ने अगवा कर लिया था, लगभग 5 दिन तक अपने साथ रखने के बाद आखिरकार नक्सलियों ने मंगलवार रात अगवा इंजीनियर और मजदूर को रिहा कर दिया, नक्सलियों ने इंजीनियर और मजदूर को उसी जगह रिहा किया जहां से उन्होंने उनका अपहरण किया था, इधर रिहा हुए इंजीनियर और मजदूर ने बेदरे में मौजूद अपने परिवार वालों से मुलाकात की, इस दौरान इंजीनियर की पत्नी और मजदूर आनंद यादव के भाई में खुशी की लहर दौड़ गई, रिहा हुए इंजीनियर और मजदूर अपने परिवार वालों के साथ बीजापुर मुख्यालय पहुंचे.
पति की रिहाई के लिए जंगलों में अपनी बेटियों के साथ भटक रही थी सोनल पवार
हालांकि अब तक नक्सलियों द्वारा इंजीनियर और मजदूर से इन 5 दिनों में क्या बातचीत हुई इसको लेकर रिहा मजदूर और इंजीनियर ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है, लेकिन हर बार की तरह इस बार भी नक्सली पुल निर्माण और अंदरूनी क्षेत्रों में सड़क निर्माण का कार्य बंद करने की चेतावनी दे रहे हैं, इधर पिछले 3 दिनों से अपने पति की रिहाई के लिए जंगलों में अपनी दो बेटियों के साथ भटक रही सोनल पवार की मेहनत रंग लाई और नक्सलियों से रिहाई की लगातार अपील के बाद आखिरकार नक्सलियों ने दोनों को रिहा कर दिया है. वहीं दोनो के सकुशसल वापसी के लिए इंजीनियर और मजदूर के परिजनों ने सभी का धन्यवाद किया है.
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