Naxalities Letter to Jawans: बीजापुर जिले में नक्सलियों ने पर्चा जारी किया है. ये पर्चा बस्तर में तैनात अर्धसैनिक बलों के जवानों को संबोधित है. नक्सलियों ने पुलिस कैंप में रह रहे जवानों से खुदकुशी और आपसी हत्याएं ना करने की अपील की है. इन घटनाओं का जिम्मेदार केंद्र और राज्य सरकार को ठहराया है. साथ ही ये नसीहत दी है कि अधिकारियों के दबाव में आकर जानलेवा कदम ना उठाएं.


पर्चा दक्षिण सब जोनल ब्यूरो की तरफ से जारी किया गया है. भोपालपटनम से मट्टीमरका मार्ग के बीच बड़ी संख्या में उल्लूर गांव तक पर्चा सड़क पर फेंके मिले. नक्सलियों के पर्चे में लिखा गया है कि बस्तर में तैनात अर्धसैनिक बल हमारे दुश्मन नहीं हैं. जवान लोगों पर हमला करने आते है तभी प्रतिशोध करना पड़ता है.


पहली बार नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों के लिए पर्चा


जवानों के लिए इस इलाके में पहली बार नक्सली पर्चे डाले गए हैं. पर्चा में आरोप लगाया गया है कि केंद्र और राज्य सरकारों ने पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए बस्तर को सैनिक शिविर बनाया है. उन्होंने आरोप लगाया कि कॉरपोरेट की सुरक्षा को मजबूत और विस्तार किया जा रहा है. कैंपों को बनाने के विरोध में हजारों लोग आंदोलन कर रहे हैं. इसलिए पुलिस कैंपों में तैनात जवान समझ सकते हैं कि किसकी सेवा और के लिए इस्तेमाल हो रहे हैं और किसके विरोध में काम कर रहे हैं. शांति और सुरक्षा के नाम पर सरकारें जवानों के जरिए लोगों पर हमले करवा रही है. देश में आर्थिक समस्या के कारण बेरोजगारी ने विकराल रूप ले लिया है. सिर्फ पुलिस विभाग छोड़कर बाकी सभी विभागों में नई नियुक्तियां बंद कर दी गयी हैं. पुलिस भर्ती के लिए जरूरी योग्यता को ताक पर रख दिया गया है.


जानवरों का शिकार करने में माहिर युवाओं की भर्ती


साथ ही ये भी दावा किया कि जानवरों का शिकार करने में माहिर युवाओं को भर्ती करने पर सरकार जोर दे रही है. नक्सलियों के पर्चे में आगे लिखा है कि जवान पेट पालने की खातिर मजबूरी में शोषक वर्ग के लिए काम कर रहे हैं. प्राकृतिक संसाधनों को लूटने के लिए शोषक वर्ग बतौर हथियार अर्धसैनिक बलों का इस्तेमाल कर रह है. जवानों पर शोषण, दबाव और प्रताड़ना जारी है. उनके साथ गुलामों जैसा व्यवहार हो रहा है. जवानों से अपने ही किसानों, मजदूरों और छात्रों, मां, भाई, बहनों पर हमले करवाए जा रहे हैं.


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पर्चे में जवानों से नक्सलियों ने की मार्मिक अपील


नक्सलियों ने पर्चे में कहा कि परिवारों से दूर अनजान इलाके में जवान मानसिक तनाव में रहते हैं. एक तरफ लोगों का जबरदस्त विरोध झेलना पड़ता है तो दूसरी अधिकारियों की प्रताड़ना का शिकार होना पड़ता है. इसलिए सुकमा जिले के मराईगुड़ा सीआरपीएफ बेस कैंप जैसी दर्दनाक घटनाओं का सिलसिला जारी है.


नक्सलियों ने अपील की कि जवान खुदकुशी और आपस में हत्या करना छोड़ें. उन्होंने लिखा कि जवानों के दिमाग में जहरीले प्रचार भरने की कोशिश की जा रही है. पर्चे के मुताबिक बस्तर में तैनात जवान नक्सलियों के दुश्मन नहीं हैं. जवानों के खिलाफ प्रतिशोध जनता पर हमला करने की वजह से होता है. 


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