Bijapur News: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सड़क निर्माण के नाम पर महज बोर्ड लगाकर खाना पूर्ति किया गया है. स्थानीय पत्रकार और ग्रामीणों ने गांव में 2 किलोमीटर की सड़क घोटाले को लेकर जानकारी देते हुए अज्ञात चोरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर एसपी के पास लिखित शिकायत दर्ज कराई है.


जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र बासागुड़ा थाना के अंर्तगत पुतकेल गांव में पूतकेल से पटेलपारा तक 2 किलोमीटर की सड़क यहां लगी पीएमजीएसवाई के बोर्ड में दर्शायी गई है. 2 साल पूर्व 2 मई 2022 को पीएमजीएसवाई विभाग के अधिकारियों की तरफ से सड़क का कार्य पूर्ण कर लेने की जानकारी दी गई है. ग्रामीणों की शिकायत पर इस गांव में पहुंचे स्थानीय पत्रकारों ने देखा कि जहां 2 किलोमीटर सड़क पूर्ण होने की जानकारी दी गई है, यह सड़क यहां बनी ही नहीं है.


ग्रामीणों ने सड़क निर्माण कार्य को लेकर क्या कहा? 


ग्रामीणों ने बताया कि यहां कभी सड़क नहीं बनी. केवल बोर्ड लगाकर सड़क कार्य को पूर्ण दर्शाया गया है. इसके बाद इस गांव से वापस लौटे स्थानीय पत्रकारों और इस गांव के ग्रामीणों ने उक्त सड़क को अज्ञात चोरों की तरफ से चोरी कर लेने की बात कहते हुए बीजापुर एसपी के पास इसकी लिखित शिकायत दर्ज कराई है और अज्ञात चोरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है. बस्तर संभाग का यह पहला मामला है, जहां सड़क चोरी होने के आरोप में अज्ञात चोरों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है.


पीएम रोड के वेबसाइट पर सड़क को दिखाया गया पूर्ण


इस गांव के ग्रामीण और स्थानीय पत्रकार कुशल चोपड़ा, ईश्वर सोनी और प्रशांत शर्मा का कहना है कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना जो कि केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है. इस योजना का बीजापुर जिले में अधिकारी और ठेकेदार मिलकर पलीता लगा रहे हैं. बासागुड़ा थाना क्षेत्र के अंतर्गत पुतकेल गांव में पत्रकारों की टीम ग्रामीणों की शिकायत पर सड़क का कवरेज करने पहुंची हुई थी और यहां पाया कि केवल विभाग की तरफ से लगाई गई बोर्ड में ही सड़क निर्माण कार्य को दर्शाया गया है.


वहीं पीएम रोड की ऑफिशयल वेबसाइट पर सड़क पूर्ण है, लेकिन धरातल पर सड़क का दूर दूर तक नाम ओ निशान नहीं है. स्थानीय पत्रकारों ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के ऑफिशियल वेबसाइट के जरिए उच्च स्तर पर शिकायत की है. उन्होंने बताया कि पूतकेल गांव में सड़क क्रमांक LO61-पूतकेल टू पटेलपारा जिसका पैकेज नंबर CG 17 238 है, जिसका निर्माण मई 2022 को विभाग की तरफ से पूर्ण दर्शाया गया है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है.


यहां जब पत्रकारों की टीम पहुंची तो मौके पर सड़क का दूर तक नाम औ निशान नहीं है और ग्रामीण भी सड़क निर्माण की बात से इनकार कर रहे हैं. यहां तक गांव के सरपंच ने भी विभाग की जानकारी को गलत ठहराया है.


दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग 


इधर इस पूरे मामले में संबंधित विभाग के आला अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है और कोई भी जिम्मेदार अधिकारी कुछ कहने को तैयार नहीं है. शिकायतकर्ताओं की माने तो यह साफ स्पष्ट हो रहा है कि विभाग के अफसर और ठेकेदार ने मिलकर भ्रष्टाचार को अंजाम देते हुए सड़क निर्माण के नाम पर महज बोर्ड लगाकर खाना पूर्ति करते हुए सड़क निर्माण कार्य के लिए शासन से मिली राशि पूरी तरह से डकार ली है.


शिकायतकर्ताओं का कहना है कि उच्च स्तर पर जांच कराई जाए तो अफसर भी नपेंगे और ठेकेदार पर ब्लैक लिस्टेड के साथ रिकवरी की कार्रवाई भी होगी. इधर इस गांव से वापस लौटने के बाद स्थानीय पत्रकार और ग्रामीणों ने बीजापुर एसपी से लिखी शिकायत कर जल्द ही इस मामले की जांच कर दोषियों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की है.


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