Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलियों द्वारा 10 दिनों से अपहरण किए 4 ठेकेदारों में से दो ठेकेदारों को सोमवार देर रात नक्सलियों ने रिहा कर दिया है और दोनों ही ठेकेदार रिहा होने के बाद अपने घर कोंडागांव पहुंच गए हैं. रिहा करने वाले ठेकेदारों में निमेन्द्र कुमार दीवान और निलचंद नाग को रिहा कर दिया है जबकि अभी भी लौंहडीगुड़ा निवासी टेमरु राम नाग के साथ ही बारसूर निवासी चापड़ी बैतया को नक्सलियों ने अपने कब्जे में रखा है और अब तक उनकी रिहाई नहीं की है.
बताया जा रहा है कि घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र गोरना में सड़क निर्माण कार्य करने से नक्सली बौखलाए हुए थे और जैसे ही पेटी ठेकेदार निमेन्द्र कुमार दीवान, निलचंद नाग और अन्य उसके 2 साथी इस जगह में पहुंचे तो हथियारबंद नक्सलियों ने उनका अपहरण कर लिया और 10 दिनों तक अपने साथ रखकर घुमाया और अभी भी केवल दो ठेकेदारों को ही नक्सलियों ने रिहा किया है, जबकि दो ठेकेदार अभी भी नक्सलियों के कब्जे में है.
बिना शर्त के 2 ठेकेदारों को किया रिहा
दरअसल बीते 24 दिसंबर को बीजापुर जिले के घोर नक्सल प्रभावित गोरना इलाके में चल रहे सड़क निर्माण कार्य को देखने के लिए पेटी ठेकेदार निमेन्द्र कुमार दीवान और उनके साथ अन्य 3 साथी बिना सुरक्षा के यहां गए हुए थे, जिसके बाद 10 दिनों तक वापस नहीं लौटे, इस बीच नक्सलियों ने भी उनके अपरहण की कोई जानकारी नहीं दी और ना ही कोई पर्चा जारी किया.
ऐसे में ठेकेदारों के परिजन लगातार पुलिस और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से लापता ठेकेदारों की पतासाजी करने की मांग कर रहे थे. लेकिन 2 दिन पहले ही नक्सलियों ने पर्चा जारी कर ठेकेदारों का अपहरण करने की बात स्वीकार की और उन्हें सुरक्षित अपने पास कैद कर रखना बताया और सोमवार देर रात 4 ठेकेदारों में से दो ठेकेदार जो कि कोंडागाँव के निवासी हैं.
निमेन्द्र कुमार दीवान और निलचंद नाग को बिना कोई शर्त के रिहा कर दिया और अन्य दो ठेकेदार टेमरुराम नाग और चापड़ी बैतया को नक्सलियों ने अपने कब्जे में ही रखा है. इधर रिहाई के बाद दोनों ही ठेकेदार सीधे कोंडागांव में मौजूद उनके घर के लिए रवाना हो गए और किस शर्त पर नक्सलियों ने उन्हें रिहा किया इसकी भी जानकारी उन्होंने किसी को नहीं दी है, वही बीजापुर एसपी आंजनेय वार्ष्णेय का कहना है कि चार में से दो ठेकेदारों को नक्सलियों ने कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है, लेकिन अन्य दो ठेकेदारों को रिहा करने की अपील लगातार परिजन कर रहे हैं फिलहाल अब तक नक्सलियों के कब्जे में मौजूद अन्य दो ठेकेदारों का कोई सुराग पुलिस को नहीं लग पाया है.
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