Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के एक सुदूर गांव को आखिरकार करीब सात दशक से अधिक समय के इंतजार के बाद बिजली मिल गई. यह गांव सालों से वामपंथी उग्रवाद (LWE) का दंश झेल रहा था. अधिकारियों ने रविवार (23 मार्च) को कहा कि नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले के दूरदराज के गांव तिमेनार में स्थानीय लोग बुनियादी सुविधाओं के बिना अंधेरे में रह रहे थे.


प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा, ''उनकी सरकार माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में हर मंजरा-टोला (बस्तियों) में बिजली पहुंचाने और विकास को गति देने के लिए प्रतिबद्ध है. जहां कभी माओवादी आतंक का साया था, वहां विकास की किरणें चमक रही हैं. यह परिवर्तन एक सच्ची जीत है.'' 


तिमेनार में बिजली पहुंचना विकास के नए युग की शुरुआत- CM


सीएम ने आगे कहा, ''तिमेनार का विद्युतीकरण बस्तर के दूरस्थ क्षेत्रों में शासन और विकास के एक नए युग की शुरुआत का संकेत देता है. यह क्षेत्र अब नक्सली हिंसा के भय से मुक्त होकर समृद्धि और प्रगति की ओर बढ़ रहा है. एक सरकारी बयान में कहा गया है कि भैरमगढ़ विकासखंड में बेचापाल ग्राम पंचायत के गांव के सभी 53 घरों में मुख्यमंत्री की मांजरा-टोला विद्युतीकरण योजना के तहत आजादी के 77 साल बाद पहली बार बिजली पहुंची है. 


तिमेनार के निवासियों में खुशी की लहर


सरकार की ओर से कहा गया है कि यह उल्लेखनीय उपलब्धि नक्सलियों के आतंक के अंत और इलाके में विकास, शांति और समृद्धि की सुबह का प्रतीक है. वहीं, तिमेनार निवासी मशराम, पंडरू कुंजाम, मंगली और प्रमिला ने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा, ''कभी नहीं सोचा था कि वे बिजली की चमक देखेंगे, लेकिन निराशा की जगह उम्मीद ने ले ली है.'' 


बिजली आने से भय और असुरक्षा का माहौल खत्म- ग्रामीण


गांव के निवासियों ने कहा, ''बिजली आने से भय और असुरक्षा का माहौल खत्म हो गया है और यह उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. पहली बार हमारे गांव में बिजली आई है. हमें अब रात के अंधेरे से डर नहीं लगता. जंगली जानवरों, सांपों और बिच्छुओं के खतरों से मुक्ति मिल गई है. हमारे बच्चे अब आसानी से पढ़ सकते हैं और हमें लगता है कि हम विकास की राह पर हैं.'' साथ ही गांव में सड़क, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा सुविधाओं जैसे बुनियादी ढांचे को भी मजबूत किया जा रहा है.


31 मार्च 2026 तक नक्सलियों के खात्मे का टारगेट


केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि नरेंद्र मोदी सरकार नक्सलियों के खिलाफ सख्ती के साथ आगे बढ़ रही है और उन माओवादियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है, जिन्होंने कई सुविधाएं दिए जाने के बावजूद आत्मसमर्पण नहीं किया है. उन्होंने घोषणा की कि देश 31 मार्च 2026 तक नक्सल मुक्त हो जाएगा.


छत्तीसगढ़ में इस साल अब तक अलग-अलग मुठभेड़ों में 113 नक्सली मारे गए हैं. इनमें से 97 नक्सली बस्तर संभाग में मारे गए, जिसमें बीजापुर समेत सात जिले शामिल हैं.