Naxalite Kidnapped Villagers In Bijapur: बीजापुर (Bijapur) जिले में नक्सलियों ने  ग्रामीणों को अगवा कर लिया है, जिनमें स्थानीय जनप्रतिनिधि भी शामिल हैं. बताया जा रहा है कि लगभग 50 से अधिक ग्रामीण हर साल की तरह इस साल भी आदिवासी परंपरा अनुसार  चिकट राजा पहाड़ में पूजा अर्चना के लिए गए हुए थे. वापसी के दौरान नक्सलियों ने करीब 50 से ज्यादा ग्रामीण का अपरहण कर लिया. हालांकि जानकारी मिली की देर रात तक ग्रामीणों से पूछताछ के बाद 44 ग्रामीणों को रिहा कर दिया गया.


वहीं अभी भी छह ग्रामीण उनके कब्जे में हैं, जिनकी रिहाई के लिए परिजन नक्सलियों से गुहार लगा रहे हैं. फरसेगढ़ के ग्रामीणों के  मुताबिक शनिवार देर शाम फरसेगढ़ के अलग-अलग पारा के ग्रामीण चिकट राजा पहाड़ में आदिवासी  परंपरा के अनुसार इस साल भी पूजा अर्चना करने गए हुए थे. वहां पर वर्दीधारी नक्सलियों ने ग्रामीणों को अगवा कर लिया पूछताछ के बाद देर रात तक लगभग 44 ग्रामीणों को रिहा कर दिया और 6 ग्रामीणों को अभी भी अपने कब्जे में रखा है. हालांकि नक्सलियों ने ग्रामीणों का अगवा क्यों किया इसकी जानकारी नहीं मिल पा रही है.


 परिजन  कर रहे रिहाई की मांग
ग्रामीणों के मुताबिक, फरसेगढ़ गांव के महेश कुमार गोटा जो कि पूर्व सरपंच है ,पांडु गोटा उपसरपंच ,राजाराम,  रमेश पोंदी पूर्व उपसरपंच और कार्तिक शाह के अलावा लोकेश कुमार बारसे को नक्सलियों ने अपने कब्जे में रखा है. अगवा किए  ग्रामीणों के परिजन नक्सलियों से उन्हें सही सलामत रिहा करने की मांग कर रहे हैं. यहां तक की परिजनों ने पुलिस में भी नक्सलियों द्वारा ग्रामीणों के अगवा करने की रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई है. फरसेगढ़ के थाना प्रभारी का कहना है कि ग्रामीणों से जानकारी मिली है कि नक्सलियों ने कुछ ग्रामीणों को अपने कब्जे में रखा है और उनके परिजन उनकी रिहाई की मांग कर रहे हैं.


अगवा किए 50 ग्रामीणों में 44 ग्रामीणों को नक्सलियों ने रिहा कर दिया और यह सभी घर पहुंच गए हैं. छह ग्रामीणों के बारे में पता लगाया जा रहा है. अगवा किए ग्रामीणों में तीन स्थानीय जनप्रतिनिधि हैं, जिसमें पूर्व सरपंच और उपसरपंच शामिल है. वहीं रिहा होने के बाद वापस आए ग्रामीण कुछ भी कहने को तैयार नहीं हैं. बता दें एक साथ इतनी बड़ी संख्या में ग्रामीणों को अगवा करने का यह पहला मामला नहीं है.


Watch: सीएम भूपेश बघेल मीडिया से कर रहे थे बात तभी पैरों के नीचे आया सांप, बोले- पिरपिट है, चिंता...