Ankita Pandey Shukla National Youth Award: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले की रहने वाली अंकिता पाण्डेय शुक्ला को भारत सरकार के युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय के सर्वोच्च पुरस्कार राष्ट्रीय युवा पुरस्कार 2019-20 के लिए सम्मानित किया जाएगा. बता दें कि, यह पुरस्कार सामुदायिक सेवा के क्षेत्र में बेहतर योगदान के लिए प्रदान किया जाता है. अंकिता छत्तीसगढ़ प्रदेश की पहली बेटी है जिसे यह प्रतिष्ठित पुरस्कार मिलने जा रहा है. अंकिता को कर्नाटक राज्य के हुबली में 12 जनवरी से 16 जनवरी तक आयोजित हो रहे 26वें राष्ट्रीय युवा उत्सव की गरिमामय कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा सम्मानित किया जाएगा. 


सामाजिक कार्यकर्ता हैं अंकिता पाण्डेय
गौरतलब है कि अंकिता पाण्डेय शुक्ला एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं जो समाज के हाशिए समुदाय के बीच समर्पित भाव से उनके हित के लिए कार्य कर रही है. जो सुविधा विहीन और दूरस्थ अंचल के क्षेत्र में स्टूडेंट्स के बीच जाकर बच्चों को गुड टच, बैड टच, यौन शोषण, लैंगिक उत्पीड़न, नशा मुक्ति बाल अधिकारों, स्वच्छता, माहवारी प्रबंधन, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करना, साथ ही जरूरतमंद लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य, राशन कपड़े उपलब्ध कराना. इसके साथ ही अंकिता बिलासपुर को भिक्षावृत्ति से मुक्त करने के लिए कैंपेन अभियान चला रही हैं.


परिवार के साथ जा रहीं कर्नाटक
इसके अलावा अंकिता पाण्डेय शुक्ला ने कई भिक्षुओं को स्वरोजगार मुहैया कराने के लिए संसाधन उपलब्ध कराया है. इनकी कोशिशों से अनेक लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है. अंकिता का मानना है कि यह राष्ट्रीय युवा पुरस्कार जीवन का एक पड़ाव है. उनकी मंजिल आखरी सांस तक लोगों की सेवा करना है. अंकिता यह पुरस्कार लेने के लिए माता सूर्यकांता पाण्डेय, पति अनुभव शुक्ला और दो साल के बेटे अनुराज के साथ कर्नाटक जा रही हैं. 


लोगों को इस तरह कर रहीं जागरूक
अंकिता पाण्डेय शुक्ला ने एबीपी न्यूज से बातचीत में बताया कि वह पिछले 6-7 साल से बच्चों में जो सेंसेटिव सब्जेक्ट है. जैसे गुड टच-बैड टच, सेक्स एजुकेशन, महिलाओं की माहवारी. इन विषयों को लेकर जागरूकता फैलाने का कार्य कर रही हैं. ये कैंपेन अब तक चल रहा है. इस काम के लिए पिछले वर्ष राज्यपाल के हाथों नारी रत्न सम्मान भी मिल चुका है. और इसके लिए इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम भी शामिल हुआ है. उन्होंने आगे बताया कि उनका यह अभियान बिलासपुर सहित संभागभर में चल रहा है.


उन्होंने बताया कि, उनका उद्देश्य है कि अगर एक बच्चा जागरूक होता है तो वह दो तीन बच्चों को जागरूक कर सकता है. छत्तीसगढ़ में यह पुरस्कार महिलाओं में पहली बार अंकिता पाण्डेय शुक्ला को ही मिल रहा है. गौरतलब है कि अंकिता छोटे बच्चे की मां होने के बाद भी एक मां का कर्तव्य और समाज सेवा के दायित्व का बखूबी निर्वहन करती हैं. अंकिता की छोटी बहन अजिता पाण्डेय ने भी स्नेक रेस्क्यू में नाम कमाया है.


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