छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में पुलिस की बर्बरता सामने आई है. इसका नतीजा ये रहा कि एक युवा ने सुसाइड कर लिया. मामला यह है कि युवा ने अपनी गाड़ी से महिला को टक्कर मार दी. महिला ने पुलिस में इसकी शिकायत कर दी. जिस युवा ने टक्कर मारी थी उस युवा की जगह पुलिस ने उसके पिता को उठा लिया. आरोप यह है कि थाने में पिता को पुलिस ने उसी युवा के सामने मारा. पिता के मार खाने के बाद युवक दुखी हो गया और उसने ट्रेन के समने कूद के आत्महत्या कर ली.
ये है पूरा मामला
दरअसल ये मामला बिलासपुर जिले का है. 28 नवंबर को दोपहर 12 बजे भैसबोड़ के निवासी हरिशचंद्र गेंदल ने अपनी बाइक से गांव की कुछ युवतियों को टक्कर मार दी. हादसे के बाद युवक बाइक छोड़कर भाग गया. इसके बाद युवतियों ने बिल्हा थाने में टक्कर की शिकायत कर दी. इसके बाद पुलिस ने एक्शन लिया और इसी एक्शन पर सवाल उठाए जा रहे हैं. पुलिस ने बाइक सवार के घर में दबिश दी और हरीश चंद्र नहीं मिला तो पुलिस उसके पिता को उठकर थाने ले आई.
इस दौरान आरक्षक रूपलाल चंद्रा ने युवक के पिता की थाने पिटाई कर दी. दौड़ता भागता बेटा भी थाने पहुंचा और अपने पिता को पुलिस मार खाते देख आहत हो गया और पुलिस के अधिकारियों को कहने लगा कि गलती उसकी है. पिता की नहीं है लेकिन आरक्षक ने बर्बता पूर्वक पिता के साथ मारपीट की है.
पिता की पिटाई से आहत बेटे ने की सुसाइड
युवक ने पुलिस ये भी बताया कि जिन युवतियों के साथ हादसा हुआ था. उनको घर जाकर माफी मांग चुका है और समझौता भी हो गया है. इसके बाद पुलिस ने पिता को छोड़ दिया. देर शाम बाप बेटे घर वापस लौट आए. इसके बाद पुलिस की मारपीट से आहत हुए हरीशचंद्र ने भैसबोड़ रेलवे लाइन में ट्रेन के सामने कूदकर अपनी जान दे दी.
आरक्षक को किया गया निलंबित
अगले दिन परिजनों और ग्रामीणों ने थाने का घेराव कर दिया. थाने में जमकर हंगामा हुआ. आरक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. इस में में बिलासपुर ग्रामीण के एडिशन एसपी राहुल देव शर्मा ने कहा कि युवक हरीशचन्द्र गेंदले ने ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या किया है. परिजनों और ग्रामीणों के आरोप पर सिपाही रूपलाल चंद्रा को निलंबित कर दिया है. इस मामले में जांच के लिए कमिटी गठित की गई है.
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