Prisoner Death Case: बिलासपुर सेंट्रल जेल (Bilaspur Central Jail) के कैदी की मौत का मामला (Prisoner Death Case) अब तूल पकड़ने लगा है. डीएम ने न्यायिक जांच -(Judicial Inquiry) कराने की घोषणा कर दी है. घोषणा के बाद माना जा रहा है कि आबकारी विभाग (Excise Department) और जेल प्रबंधन (Prison Management) जांच के दायरे में आ सकता है. फिलहाल डीएम के आदेश से दोनों विभागों में हड़कंप मचा है और दोनों विभाग एक दूसरे को जिम्मेदार बता कर पल्ला झाड़ने में लग गए हैं.
संदिग्ध परिस्थितियों में कैदी की मौत का मामला
10 मई 2022 को आबकारी विभाग ने पचपेढी इलाके चिल्हटी में छोटे लाल यादव के घर छापेमारी की थी. छापेमारी के दौरान 20 लीटर शराब बरामद करने का दावा किया. लेकिन परिजनों ने आबकारी विभाग की कार्रवाई पर सवाल खड़े कर दिए. उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी के समय घर से शराब की बरामदगी नहीं हुई थी. उन्होंने आरोप लगाया कि छोटे लाल को जबरिया गिरफ्तार किया गया है. अदालत में पेश करने के बाद छोटे लाल को जेल भेज दिया गया. जेल में छोटे लाल की तबियत बिगड़ने लगी. जेल प्रशासन ने छोटे लाल को सिम्स अस्पताल में भर्ती कराया. अस्पताल में इलाज के दौरान छोटे लाल की मौत हो गई.
कलेक्टर ने जारी किए न्यायिक जांच के आदेश
छोटे लाल यादव की संदिग्ध मौत के बाद परिजनों ने सामान्य मौत मानने से इंकार कर दिया. परिजनों ने जेल और आबकारी विभाग पर गंभीर आरोप लगाए. पोस्टमार्टम को लाए गए शव पर कई जगह गंभीर चोट के निशान होने का दावा किया गया. मामले में आबकारी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जेल दाखिल करने से पहले आरोपी का मेडिकल चेकप कराया गया था. उस वक्त शरीर पर चोट के कोई निशान नहीं थे. मतलब अब संदिग्ध मौत के बाद दोनों विभाग पल्ला झाड़ रहे हैं. बिलासपुर कलेक्टर सारांश मित्तर ने न्यायिक जांच के आदेश जारी कर दिए हैं. जांच के बाद मामले का खुलासा हो जाएगा कि छोटे लाल की मौत सामान्य मौत थी या फिर वास्तव में प्रताड़ना का नतीजा थी.