Bilaspur Cyber Fraud: रेलकर्मी हुए साइबर ठगी के शिकार, डिस्काउंट कीमत में इलेक्ट्रिक स्कूटी का दिया झांसा
Chhattisgarh News: रेलकर्मी ने अपने मोबाइल पर इंटरनेट के जरिए इलेक्ट्रिक स्कूटर की जानकारी सर्च की थी. ठग ने उन्हें अकाउंट नंबर देकर ऑनलाइन पेमेंट कर बुकिंग करने के लिए कहा.
Bilaspur Crime News: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में रेलकर्मी को डिस्काउंट में इलेक्ट्रिक स्कूटर पाने का लालच महंगा पड़ गया. रेलवे का ड्राफ्ट्समैन साइबर ठगी का शिकार बन गया. पहले ठग ने उसे झांसा देकर ऑनलाइन 50 हजार रुपए जमा करा लिया. इसके बाद और पैसों की डिमांड करने लगा, बाद में जब रेलकर्मी को धोखाधड़ी की आशंका हुई, तो उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. यह मामला सिविल लाइन थाना इलाके का है. दरअसल, जिले के नेहरू नगर निवासी संजय गुप्ता रेलवे में ड्राफ्ट्समैन हैं. वे अपने मोबाइल पर इंटरनेट के जरिए इलेक्ट्रिक स्कूटर की जानकारी सर्च किए थे.
ऑनलाइन पेमेंट कर बुकिंग करने के लिए कहा
ऑनलाइन जानकारी सर्च करने के बाद वे दूसरे काम में व्यस्त हो गए और मोबाइल का नेट बंद कर दिया. इस बीच रविवार को उनके मोबाइल पर अनजान नंबर से कॉल आया और फोन करने वाले ने खुद को इलेक्ट्रिक स्कूटर कंपनी का कर्मचारी बताया. बातचीत में उनका इंट्रेस्ट देखकर उसे स्कूटर का रेट बताया और डिस्काउंट भी देने की बात कही. डिस्काउंट मिलने के लालच में रेलवे कर्मी स्कूटर खरीदने के लिए तैयार हो गया. तब ठग ने उन्हें अकाउंट नंबर देकर ऑनलाइन पेमेंट कर बुकिंग करने के लिए कहा. इस पर रेलवे कर्मी ने बताए गए अकाउंट नंबर पर 25 हजार रुपए जमा करा दिए. पैसे जमा होने के बाद दूसरे दिन ठग ने उन्हें स्कूटर तैयार होने की जानकारी दी, फिर रजिस्ट्रेशन के लिए उनसे 22 हजार 649 रुपए मांगे.
तब रेलवे कर्मी ठग की बातों में आकर फिर से पैसे जमा कर दिए. फिर ठग ने ट्रांसपोर्टिंग चार्ज के लिए 18 हजार 900 रुपए जमा करने के लिए कहा. बार-बार अलग-अलग तरीके से पैसे मांगने पर उन्हें शक हुआ और कॉल कट कर दिया. इसके साथ ही उन्होंने अपना अकाउंट भी ब्लॉक करा दिया. फिर इस मामले की शिकायत पुलिस से की. शिकायत पर पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है.
रेलकर्मी के मुताबिक इंटरनेट पर इलेक्ट्रिक स्कूटर की जानकारी सर्च करने के बाद उसके पास कॉल आया. इसलिए उसे लगा कि कंपनी की तरफ से फोन किया गया है और उन्होंने भरोसा कर लिया. पैसे जमा करने के बाद उन्होंने जानकारी ली, तो पता चला कि इलेक्ट्रिक स्कूटर के मिलते-जुलते नाम के कई फर्जी वेबसाइट भी हैं. इसी में जाने पर जालसाजों को उनके मोबाइल नंबर की जानकारी मिली और जालसाजों ने अलग-अलग समय पर 50 हजार रुपए की ठगी कर ली. इस मामले में पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया.
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