Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में आज भी अंतर्जातीय विवाह को समाज स्वीकार नहीं कर पा रहा है. सामाजिक विकास के बाद भी प्रेम की जगह जाति को प्राथमिकता दी जाती है. यही कारण है कि सामाजिक बहिष्कार की घटनाएं आज भी देखने को मिलती है. हाल ही में बिलासपुर में दूसरी जाति की युवती से प्रेम विवाह करना युवक के लिए भारी पड़ गया. समाज के लोगों ने पूरे परिवार का बहिष्कार कर दिया है और शादी में शामिल हुए रिश्तेदारों पर 5 -5 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है. इस मामले पर बिलासपुर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई है.
अंतरजातीय विवाह पर परिवार का सामाजिक बहिष्कार
दरअसल, बिलासपुर हाईकोर्ट में एक सामाजिक मुद्दे की महत्वपूर्ण याचिका पर सुनवाई हुई है. जस्टिस गौतम भादुड़ी ने सामाजिक बहिष्कार के मामले पर महाकुल समाज के पदाधिकारियों को नोटिस जारी किया है और न्यायालय में उपस्थित होकर जवाब देने का लिए निर्देश दिया है. इस मामले की याचिका बिलासपुर के एक स्कूल में प्राचार्य के पद रह रहे डीपी नवगवाल ने लगाया है.
शादी में शामिल हुए रिश्तेदारों पर लगाया जुर्माना
डीपी नवगवाल बिलासपुर हाईकोर्ट में अधिवक्ता अब्दुल वहाब खान के माध्यम से याचिका लगाई है. उन्होंने अपने याचिका में बताया है कि एक साल पहले 2020 में कोर्ट में बेटे अंकित की शादी दूसरे जाति की युवती से करवाई है. इस शादी में जशपुर के रिश्तेदारों को शादी में शामिल होने के लिए बुलाया गया था. जो इस शादी में शामिल हुए लेकिन महाकुल समाज के पदाधिकारियों ने इस शादी का विरोध किया और हमारे परिवार का सामाजिक बहिष्कार किया फिर शादी में शामिल हुए रिश्तेदारों पर जुर्माना भी लगाया.
डीपी नवगवाल के वकील अब्दुल वहाब खान ने एबीपी न्यूज को बताया कि डीपी नवगवाल जशपुर जिले के रहने वाले हैं लेकिन वर्तमान में डीपी नवगवाल बिलासपुर में रहते हैं. नवगवाल जिले के गुरु नानक स्कूल के प्राचार्य के पद काम कर रहे हैं. सामाजिक बहिष्कार के बाद रिश्तेदारों से मिलने जुलने के कार्यक्रम में शामिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया. सामाजिक बंधन में बंधे रिश्तेदारों ने बहिष्कार के डर से अब उन्हें अपने किसी आयोजन में बुलाना छोड़ दिया है. डीपी नवगवाले ने थाने में भी इस मामले की शिकायत की है लेकिन कुछ नहीं हुआ तो उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका लगाई है.