Bilaspur News: छत्तीसगढ़ के सेंट्रल यूनिवर्सिटी गुरुघासीदास विश्वविद्यालय (GGU) में कम्यूनिटी विशेष का संदिग्ध गतिविधियों का मामला सामने आया है. आरोप है कि यूनिवर्सिटी के अंदर इस्लामिक बैनर तले मुस्लिम स्टूडेंड फेडरेशन (MSF) के नाम पर क्लब और व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर इसमें दूसरे छात्र को जोड़ा जा रहा था. इस मामले के बाद विश्वविद्यालय का माहौल गरमा गया है, क्योंकि अब दूसरे छात्र इस्लामिक बैनर तले बने इस क्लब का विरोध कर रहे हैं.


गुरुघासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी में बड़ा विवाद
दरअसल, पिछले कुछ दिनों से यूनिवर्सिटी में इंटरनेट और सोशल मीडिया के जरिए से मुस्लिम स्टूडेंट फेडरेशन की तरफ से यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे छात्र छात्राओं को जुड़ने की अपील कर रहे थे. तभी ये मामला सामने आया है. वहीं, मुस्लिम स्टूडेंट्स और दूसरे छात्रों को अपने साथ जोड़ने के लिए इंस्टाग्राम पर इस्लामिक बैनर तले MSF ने अपना पेज बनाया है. इसमें बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स हैं. जिनको व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा जा रहा है. 


यूनिवर्सिटी के छात्रों का आरोप- 'केरला स्टोरी पार्ट-2' बनाने की साजिश
यूनिवर्सिटी के छात्रों का दावा है कि ये MSF मुस्लिम लीग ग्रुप है. इसकी आइडियोलॉजी पाकिस्तानी है. वो लोग यहां एक्टिव हैं. यूनिवर्सिटी का माहौल खराब करने में लगे हुए हैं. अगर इसे रोका नहीं गया थे 'द केरल स्टोरी पार्ट -2' भी बन सकता है. यूनिवर्सिटी के एक छात्र अविरल सिंह ठाकुर ने कहा कि इस तरह ग्रुप यूनिवर्सिटी में चल रहा है. यूनिवर्सिटी की सौहाद्र बिगाड़ने की उच्च स्तरीय राजनीति है. अगर इसे बंद नहीं किया गया तो यहां केरला स्टोरी पार्ट - 2 भी बन सकता है. इस मामले पर जल्द जल्द यूनिवर्सिटी प्रबंधन को ठोस कदम लेना चाहिए. 


इस्लामिक गतिविधियों पर यूनिवर्सिटी प्रबंधन का एक्शन
हालांकि किसी प्रकार के विवाद से पहले विश्वविद्यालय ने इस मामले को संज्ञान में ले लिया है. छात्रों की शिकायत पर कुलपति अशोक कुमार चक्रवाल ने जांच के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा, अवैध गतिविधि संचालित करने वालों पर लीगल एक्शन लेने की चेतावनी दी है. इन आरोपों की सच्चाई जानने के लिए कुलपति ने डीन की एक कमेटी बनाई गई है, जो भी विवादित ग्रुप में जुड़े हैं उनसे पूछताछ की जा रही है.


कुलपति ने कहा प्रशासनिक और लीगल एक्शन लेने की तैयारी
गुरुघासीदास यूनिवर्सिटी के कुलपति अशोक कुमार चक्रवाल ने मीडिया से कहा कि 9 अगस्त की रात को इसकी जानकारी मिली है. हमारे प्रशासनिक अमले को सक्रिय कर दिया गया है. कुलसचिव से बात कर सभी डीन की एक कमेटी बनाई गई है. इसके बाद सभी विभागों के हेड को सक्रिय कर दिया गया है. जिन छात्रों का नाम सामने आया है, उनसे पूछताछ की जा रही है. 


इन आरोपों की सच्चाई के लिए इन्वेस्टिगेशन हो रही है. यूनिवर्सिटी का लोगों या किसी भी छायाचित्र का यूनिवर्सिटी के बिना अनुमति के कोई भी संगठन या समूह उपयोग नहीं कर सकता है. इस मामले में प्रशासनिक और लीगल एक्शन क्या क्या हो सकते है इसपर बड़ी गंभीरता से हम काम कर रहे है. इस यूनिवर्सिटी में ऐसी किसी भी प्रकार की एक्टिविटी को सहन नहीं किया जाएगा. 


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