Bilaspur Infants Death: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के एक गांव में टीकाकरण शिविर के दौरान नवजात शिशुओं का वैक्सीनेशन किया गया, जिसके बाद दो मासूमों की मौत की सूचना मिली. इस मामले में अब राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव (TS Singh Deo) ने सघन जांच की मांग की है.


हालांकि, एक स्वास्थ्य अधिकारी की ओर से दावा किया गया है कि शिशुओं की मौत और टीकाकरण का एक दूसरे से कोई संबंध नहीं है. 


वैक्सीन के बैच को सील करने की मांग
टीएस सिंह देव ने रविवार को बिलासपुर के जिला अस्पताल में पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और शिशुओं की मौत को एक ‘बहुत गंभीर’ मुद्दा बताया. उन्होंने मांग की कि टीकों के सभी बैच को एक बार में सील कर दिया जाए. पूर्व उप मुख्यमंत्री ने पूरे मामले की जांच कराने की भी मांग की.


विपक्ष ने बीजेपी सरकार पर लगाया आरोप
विपक्ष ने घटना की जांच के लिए कोटा से विधायक अटल श्रीवास्तव की अध्यक्षता में 6 सदस्यीय समिति गठित की है. बिलासपुर के पूर्व विधायक शैलेश पांडे ने मौतों के लिए टीकाकरण को जिम्मेदार ठहराया और सत्तारूढ़ बीजेपी पर इस मामले में चुप्पी साधने का आरोप लगाया.


टीकाकरण वाले दिन हुए एक शिशु की मौत
बिलासपुर जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभात श्रीवास्तव ने बताया कि जिले के कोटा विकासखंड के अंतर्गत पतेता गांव के आंगनबाड़ी केंद्र में 30 अगस्त को आठ बच्चों का टीकाकरण किया गया था. दो दिन के नवजात शिशु को बीसीजी का टीका लगाया गया था और उसकी मौत उसी दिन हो गई, जबकि दो महीने के बच्चे को पेंटावेलेंट-1 का टीका लगाया गया था और उसे अगले दिन अस्पताल में मृत अवस्था में लाया गया.


'नहीं पता चल सकी मौत की असल वजह'
स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया, ‘‘उसी गांव के छह अन्य बच्चों को चिकित्सा जांच के लिए बिलासपुर जिला अस्पताल लाया गया. सभी स्वस्थ हैं और उन्हें कोई परेशानी नहीं है.’’ दावा किया जा रहा है कि दोनों शिशुओं की मौत टीकाकरण के कारण नहीं हुई. उन्होंने कहा कि नवजात की मौत का असली कारण पता नहीं चल सका क्योंकि उनके परिवारों ने पोस्टमार्टम करवाने से इनकार कर दिया था. उन्होंने कहा, ‘‘संक्रमण और निमोनिया से मौतें हुई होंगी.’’


9 हजार खुराके दी जा चुकी हैं
स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि बीसीजी की 5,000 खुराकें एक बैच में प्राप्त हुई थीं, जिनमें से 3,000 खुराकें दी जा चुकी हैं. इसी तरह पेंटावेलेंट टीके की 10,000 खुराकों में से अब तक 6,000 खुराकें दी जा चुकी हैं. उन्होंने कहा कि दोनों शिशुओं की मौत से पहले या बाद में टीकों के संबंध में कहीं से भी ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है. एहतियातन टीके की उक्त खेप का इस्तेमाल रोक दिया गया है.


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